समाज

नैनीताल में सवर्णों ने दलित ग्राम प्रधान की गाड़ी पंचर की और दलितों का सामान नहीं उतरने दिया

नैनीताल जिले के विकास खण्ड ओखलकांडा के ग्राम भुमका में अनुसूचित जाति के ग्राम प्रधान को सवर्णों द्वारा दलित उत्पीड़न की रपट वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सवर्णों द्वारा ग्राम प्रधान की गाड़ी के टायर पंचर कर दिए गए और दलितों की आलू की फसल सड़क पर नहीं उतरने दी गयी. गौरतलब है कि इस ग्राम सभा में क्वारंटाइन किये गए 2 सवर्णों ने अनुसूचित जाति की भोजन माता के हाथ से बना भोजन खाने और उनका छुआ पानी पीने से मना कर दिया था. इस पर अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले ग्राम प्रधान ने दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की प्रशासन से मांग की थी.
(Castisem in Bhumka Nainital Uttarakhand)

इस बारे में विस्तृत खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : नैनीताल के ओखलकांडा में दलित भोजन माता का बनाया खाना खाने से इनकार

प्रधान द्वारा रपट दर्ज कराने की मांग के बाद कुछ सवर्णों द्वारा एकजुट होकर उन पर इसे वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं नाई गाँव के कुछ सवर्णों ने ग्राम प्रधान की गाड़ी के सभी टायर पंचर कर दिए. इन लोगों ने भुमका गाँव के भुवन चन्द्र द्वारा हल्द्वानी मंडी के लिए भेजी जाने वाली आलू की बोरियों को भी खच्चर से उतरने नहीं दिया और वापस भुमका भेज दिया. इनका कहना है कि जब तक ग्राम प्रधान अपनी रिपोर्ट वापस नहीं लेते हैं तब तक भुमका वाले नाई की सड़क पर न कोई सामान रखेंगे और न ही उनकी गाडियाँ यहां खड़ी होंगी. इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान मुकेश बौद्ध ने तहसील धारी में एक तहरीर 21 मई को दी गयी है. जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
(Castisem in Bhumka Nainital Uttarakhand)

यहां यह जानना जरूरी है कि भुमका एक दलित बहुल गाँव है जो सड़क मार्ग से 5 किमी की पैदल दूरी पर है. जिस जगह यह सड़क मार्ग से जुड़ता है वहां पर सवर्ण बहुल गाँव नाई है. अतः भुमका के ग्रामीण अपने वाहन नाई में ही खड़े करते हैं. उनकी अन्य सामग्री का भी लदान-धुलान यहीं पर होता है.

अभी तक इस सम्बन्ध में कोई कार्रवाई न होने पर आज मुकेश बौद्ध ने जिलाधिकारी नैनीताल को स्वयं की जानमाल का खतरा बताते हुए सुरक्षा उपलब्ध करवाने व आवश्यक कार्रवाई के लिए एक पत्र भी सौंपा है. जिलाधिकारी नैनीताल की एवज में इसे एडीएम नैनीताल द्वारा लिया गया.
(Castisem in Bhumka Nainital Uttarakhand)

-सुधीर कुमार

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

View Comments

  • इस प्र्कार का वय्हावार अत्यंत शर्मनाक और दुखद है। जांच करके सत्य पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago