हाल ही में उत्तराखण्ड के दिग्गज भाजपा नेता ने गरुड़गंगा के पत्थरों (गंगलोड़ों) के औषधीय गुणों की जानकारी देकर सुर्खियाँ बटोरी थीं. उत्तराखंड के नैनीताल लोकसभा सीट से संसद पहुंचे हुए सांसद महोदय ने बताया कि गरुड़गंगा के पत्थर से बिना ऑपरेशन के आसानी से प्रसव हो जाता है.
इससे पहले कि चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए अजय भट्ट की दावेदारी पुख्ता होती उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में नया धमाका करते हुए इन पुरस्कारों के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है. उनके श्रीमुख से निकले दिव्य वचन सुनकर लगता नहीं कि साल 2019 में भारत देश सिर्फ हिमा दास के स्वर्ण पदकों का ही जश्न मानाने वाला है. इस साल निश्चित तौर पर विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भारत की झोली में आने वाले हैं.
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेद्र रावत बता रहे हैं कि गाय दुनिया का एकमात्र ऐसा पशु है जो आक्सीजन लेता और छोड़ता है. गाय हमें प्राणवायु देती है इसीलिए हमने उसे मां का दर्जा दिया है. अपने अनुसंधान में रावत ने यह भी पाया है कि जिसे सांस की तकलीफ हो वो गाय की मालिश कर डाले सांस की तकलीफ ख़त्म हो जाती है. लगातार गाय के संपर्क में रहने से तपेदिक अर्थात टीबी का नामोनिशान मिट जाता है. वे दावा करते हैं कि जब वे पशुपालन मंत्री थे तो उन्होंने बाकायदा इसका वैज्ञानिक परीक्षण करवाया था.
गौमूत्र की महिमा बताते हुए त्रिवेन्द्र रावत कहते हैं इसमें इतनी ताकत है कि हार्ट, किडनी, त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है. वे बताते हैं कि आज वैज्ञानिकों द्वारा इस बात को प्रमाणित कर दिया गया है.
अजय भट्ट के बाद त्रिवेद्र रावत के चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में किये गए इस खुलासे से जल्द ही उत्तराखण्ड के विश्व चिकित्सा का हब बनने का रास्ता खुल गया है. देश-विदेश के लाखों लोग इन नुस्खों का लाभ लेने के लिए उत्तराखण्ड की ओर रवाना होने वाले हैं.
-सुधीर कुमार
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चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से उत्तराखंड के इन महात्माओं को दिया जाय।
Contrary to the claim when I was in West Kament District of Arunachal Pradesh we discovered that few villages had 80 to 90 percent population was infected w tuberculosis victim then a team of doctors was sent by state Govt. authorities to find out the reason of such a wide spread infection and it was their finding that they use to eat cow meat and those cows were smuggled into India at very cheap rate but they were badly infected by tuberculosis. Even milk of such cows can breed TB in humans. I therefore would not subscribe to the research of Shri Rawat.
मेरे मित्र की लेखनी से