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  1. गिरीश चन्द्र जोशी

    भूमिका जी की किताब का जुमला कि फलां आदमी बोला “मैं क्या किसी भूखे नंगे के घर जा रहा हूं जो चाय पीकर जाउगा” । मुझे एक रूबरू बात याद आ गयी- मेरी पोस्टिंग अल्मोड़ा हुयी थी मैं वैसे मूल अल्मोड़ा जिले का ही हुवा तो कई परिचित/रिश्तेदार भी वहां हुए तो कभी आना तुम तो आते ही नहीं , खैर मैं अकेला ही रह रहा था अल्मोड़ा में एकदिन सोचा चलो सुबह सुबह हो आया जाय चाय भी वहीं पी जाय लगभग 9 बजे मार्निंग वाक करता हुवा अपने एक रिश्तेदार के घर पहुंच गया, बड़बाज्यू कहते थे हम वो बाहर से पटांगढ़ मैं ही थे । पैर छुये हाल चाल पूछा अभी बडबाज्यू ने भीतर चलो बैठो भी नहीं ….अपने लड़को को डांट लगाते हुये पुकारने लगे और आमा से बोले देखो जोशी जी आये हैं बेचारे कितने समय पर नहा धो पूजा कर नाश्ता वास्ता करके यहाँ पहुंच गये और एक तुम्हारे नालायक लड़के अभी तक उठे ही नही।
    खैर मेरी समझ मैं आ गया कि चाय भी शायद ही मिले बेहतर होगा दुआ सलाम करके निकल लिया जाय और ऐसा ही किया। अब समझ आया कि वो बुलावा आते नहीं हो का मतलब।
    जय हो- जय अल्मोड़ा।

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