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1 Comments

  1. अमन

    यह लेख पढ़ते हुए अपार कष्ट हुआ, एक सिरहन दौड़ गई। मैं अपने व्यक्तिगत व्यवहार को सुधार रहा, मसलन अपने व्यक्तिगत जीवन में बीते 4 सालों से एक भी प्लास्टिक बॉटल नहीं खरीदी किसी यात्रा में, स्टील बॉटल घर से लेकर निकलता हूँ।

    क्या कहें, हिमालय की प्रकृति का ऐसा नियोजित नाश देखकर मन बहुत दुखी है, हम तो मैदानी आदमी है, हिमालय हमारे लिए विस्मय है, उसकी सुंदरता, उसकी प्रकृति उत्साह से भर देती है हमें तो।

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