अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा इन दिनों खबरों में हैं. अमरीकी राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ भारत की अधिकारिक यात्रा पर थे. उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प भी भारत यात्रा पर हैं. Bedu Pako and Melania Trump
इस यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प की पत्नी ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल का दौरा भी किया. यूट्यूब पर उनके इस दौरे के बहुत से वीडियो हैं. इन वीडियो में ख़ास बात नज़र आती हैं.
मेलानिया मंगलवार दोपहर दिल्ली के सर्वोदय को-एड स्कूल पहुंचीं. जैसे ही मेलानिया स्कूल में पहुँचती हैं तो स्कूल के बच्चे एक बैंड से उनका स्वागत करते हैं. स्कूली छात्रों के बैंड द्वारा मेलानिया का स्वागत उत्तराखंड के लोकप्रिय गीत बेड़ु पाको बारो मासा की धुन पर किया जाता है. Bedu Pako and Melania Trump
एनआई के यूट्यूब चैनल पर स्वागत का यह दृश्य देखिये :
उत्तराखंड का कोई भी व्यक्ति इस लोकगीत को सुनते ही इससे स्वयं को जोड़ देता है. इस लोकगीत के बनने की कहानी भी बड़ी रोचक है. जनप्रिय लोकगायक मोहन उप्रेती की पत्नी नईमा खान उप्रेती ने अपने एक साक्षात्कार में बताया था कि
मोहन उप्रेती ने यह गाना इससे पहले किसी और के मुंह से सुना था. लेकिन वह बहुत ही धीमी धुन में था. मोहन उप्रेती ने धुन को द्रुत गति दी थी. ब्रजमोहन शाह ने आस-पास किसी कागज के न होने पर पास में सिजर ब्रांड की सिगरेट के खाली पड़े डिब्बे को फाड़ा व उदेसिंह से उसके हिसाब लिखने वाली पेंसिल मांगी और गाने को आगे बढाने की कोशिश की. ब्रजमोहन शाह ने कुमांउनी कवि चंद्रलाल वर्मा की कुछ न्यौलियों और अपनी कुछ पंक्तियां जोड़ी. इसप्रकार उदेसिंह की चाय की दुकान की उसी खुरदुरी टेबल पर तैयार हुआ उत्तराखंड का पहला अघोषित राज्यगीत.
इस गीत को पहली बार वर्ष 1952 में नैनीताल के राजकीय इंटर कालेज में सुनाया गया. शुरुआत में यह गीत मोहन उप्रेती हुड़के की थाप के साथ प्रस्तुत करते थे. बेड़ू पाको गीत को और अधिक लोकप्रियता गोपाल बाबू गोस्वामी की आवाज साथ जुड़ने के साथ मिली. इस गीत को पहली बार गाने वाली महिला गायिका संभवतः नईमा खान उप्रेती ही हैं.
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