लॉकडाउन में अल्मोड़ा के स्याल्दे ब्लॉक के जसपुर गांव के लोग बेहद चर्चा में हैं. वजह है गांव के अप्रवासी जो दक्षिण अफ्रीका में रहकर आसपास के गांव के लोगों की मदद में जुटे हैं. अब तक विदेश में रहने वाले लोगों ने आर्थिक मदद भेजकर 25 गांव के लोगों को राशन उपलब्ध कराया है. गांव के 20 से अधिक लोग साउथ अफ्रीका में रहते हैं. वह लॉकडाउन के दौरान लोगों को राशन तथा अन्य मदद उपलब्ध कराने के लिए विदेश से रकम भेज रहे हैं. इससे गाँव के जरूरतमंद लोगों को राशन तथा अन्य मूलभूत सामग्री उपलब्ध हो पा रही है. अब तक 25 गांव के लोगों को राशन दिया जा चुका है. (Aviral Foundation Almora)
अफ्रीका से आर्थिक मदद भेजने वालों में चन्द्र प्रकाश कन्याल, गौरव सिंह, गिरीश सिंह, गिरधर सिंह, देवेन्द्र बंगारी, अंकित रजवार, कृपाल रजवार, दिंगबर सिंह रजवार, ललित जोशी, गौरव रावत, देवकी नंदन, अनुराग आदि. कोरोना से लड़ती उत्तराखण्ड की महिलाएं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित
अप्रवासियों से प्रेरित होकर स्थानीय ग्रामीण भी इस मुहिम का अब हिस्सा बन चुके हैं. वह भी लोगों की मदद में आगे आ रहे हैं. गांव के लोग बताते हैं कि साल 2007 में गांव के चन्द्र प्रकाश साउथ अफ्रीका में नौकरी के सिलसिले में गए. वहां पर वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगे. इसके बाद अपने साथ गांव के कई अन्य युवाओं को भी अपने साथ ले गए. ये सभी इस समय विदेश में हैं. ये सभी मिलकर इस लॉकडाउन में गांव के लोगों की मदद को रकम भेज रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 1 लाख 60 हजार से अधिक रकम जमा हो चुकी है. इससे वह 25 गांव में निर्धन परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जा चुका है.
इन अप्रवासी उत्तराखंडियों की मदद से अब तक पत्थरखोला, उदयपुर, माकुड़ा, पीपलखाल, तामाढौन, वल्मरा, ग्वाली, कैहड़गांव, सलेह, रखलगांव, पैठाना, स्याल्दे चचरोली, रोतापानी, जसपुर, बसई आदि गाँव के ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा चुकी है.
ग्रामीणों ने बताया कि जो लोग विदेश में रहते हैं. वह हर साल गांव के लोगों की मदद करते हैं. इसके लिए उन्होंने अविरल फाउंडेशन फॉर स्टडीज नाम से एक संस्था बनाई है. यह संस्था गांव के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एक कोचिंग सेंटर का संचालन भी करती है. निर्धन लोगों की अन्य मदद भी करती है. इस संस्था में क्षेत्र के कई लोग जुड़े हुए हैं.
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
इनपुट: दैनिक हिन्दुस्तान से
प्रमोद डालाकोटी दैनिक हिन्दुस्तान के अल्मोड़ा प्रभारी हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…