इन दिनों लगभग हर व्यक्ति ने कोई न कोई एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान लिया हुआ है. हर बैंक और वित्तीय संस्थानों के अपने-अपने प्लान है. आदमी सारी गणनाओं के बाद कि उसे कहां से कितना फायदा होने वाला है, कितना पर्सेंट रिटर्न मिलने वाला है, किसी न किसी इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश किया हुआ है. पर अगर आप उनसे पूछो कि भाईसाहब क्या आपने कोई एचआईपी भी लिया हुआ है क्या, तो वे सुनकर बगलें झांकने लगेंगे क्योंकि उन्हें तो एचआईपी का अर्थ ही समझ न आएगा. एचआईपी होता है हेल्थ इन्वेस्टमेंट प्लान. बहुत सारे लोग यही सोचकर खुश होते रहते हैं कि वे रोज सुबह आधे घंटे के वॉक पर निकलते हैं. पर क्या रोज आधे घंटे का वॉक आपके लिए जरूरी फिटनेस की जरूरत पूरी करता है? मेरे मानदंडों के मुताबिक तो बिलकुल नहीं. कितने ही लोग हैं जो इस तरह रोज आधा घंटा वॉक करने के बावजूद डायबिटीज, हाइपरटेंशन, एनजाइटी जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों का शिकार हैं.
(A Unique Fitness Plan)
मैं आपको यहां फिटनेस के चार टेस्ट दे रहा हूं. अगर आप ये चारों टेस्ट पास कर लेते हैं, तो ही आप वस्तुत: फिट माने जाएंगे. उससे पहले कृपय फिट होने की गलतफहमी न पालें.
पहला टेस्ट
पहले टेस्ट के तहत आपको 60 मिनट में 10 किलोमीटर दौड़कर दिखाना है. अगर आप 10 किलोमीटर दौड़ लेते हैं लेकिन समय 60 मिनट से ज्यादा लेते हैं, तो भी आपको अपने अभ्यास को जारी रखना है जब तक कि अपने समय को आप 60 मिनट तक न ले आएं. इस बात को याद रखें कि दिल की सेहत के लिए कार्डियो एक्सरसाइज बहुत जरूरी है और यह रनिंग आके लिए कार्डियो एक्सरसाइज का ही काम करेगी बस इतनी सावधानी रखें कि आप अगर नया-नया दौड़ना शुरू कर रहें हों अगर, तो धीरे-धीरे ही दूरी बढ़ाएं. एक सप्ताह में पिछले सप्ताह की तुलना में 10 पर्सेंट से ज्यादा दूरी न बढ़ाएं. यानी अगर आप पिछले रविवार को एक किलोमीटर दौड़े थे, तो पूरे सप्ताह एक बार में एक किलोमीटर से ज्यादा न दौड़ें. और अगले सप्ताह सिर्फ एक किलोमीटर का 10 पर्सेंट यानी 1.1 किलोमीटर ही दौड़ें. इससे आपकी मांसपेशियों को ज्यादा तकलीफ नहीं होगी.
दूसरा टेस्ट
दूसरा टेस्ट है BOLT (Body Oxygen Level Test) आप जिस तरह सामान्य सांस लेते हैं, उसी तरह सांस लेते रहें और एक बार सांस भीतर लेने के बाद नाक बंद कर लें और घड़ी चालू कर लें. तब तक दोबारा सांस न लें जब तक कि शरीर में उसकी जरूरत न महसूस हो. याद रहे कि यह इस बात का टेसअ नहीं है कि आप कितनी देर तक सांस रोक सकते हैं. वह अलग टेस्ट है. उसमें आप जोर लगाकर भी सांस नहीं लेते जबकि कि दम न निकल जाए. बोल्ट के तहत आपको तब तक ही इंतजार करना है जब तक कि शरीर को अगली सांस लेने की जरूरत न महसूस हो. जैसे ही आपको जरूरत महसूस होती है आप नाक छोड़ दें और समय देखें. अगर आपका समय 10 सेकंड या उससे कम है, तो आपको बहुत ज्यादा सुधार करने की जरूरत है. आपका स्कोर अगर 20 सेकंड है, तो आप थोड़ी बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन फिट तो अब भी न कहे जाएंगे. फिट कहलाए जाने के लिए आपका स्कोर कम से कम 30 जरूर आना चाहिए. मेरा स्कोर 40 है. स्कोर को सुधारने के लिए जरूरी है कि आप नाक से ही सांस लेने का अभ्यास करें. जितना आप कार्डियो एक्सरसाइज करेंगे और एक्सरसाइज करते हुए भी नाक से ही सांस लेंगे, उतना आपका बोल्ट स्कोर सुधरता जाएगा.
(A Unique Fitness Plan)
तीसरा टेस्ट
रोज 10 मिनट का ध्यान – कलयुग का सबसे बड़ा अभिशाप अशांत मन है. हमारे पास इतने सारे काम हैं करने को. कुछ दनहीं तो मोबाइल में सोशल मीडिया या गेम्स खेलने का काम है, जो कभी खत्म नहीं होता. वैदिक काल में ऋषि मुनियों ने ध्यान साधना के जरिए दैवीय शक्तियां प्राप्त की. टेस्ट यह है कि आप रोज 10 मिनट सारे काम छोड़कर चुपचाप ध्यान में बैठकर दिखाओ. यह दिखाएगा कि आप मानसिक रूप से कितने बलवान हो. 10 मिनट ज्यादा समय नहीं है. खर्च करने वाले तो इतना समय चाय के साथ सिगरेट पीने में खर्च कर देते हैं. चाहे आप सुबह जल्दी उठकर करें या रात में ठीक सोने से पहले, यह आपका चुनाव है, पर आपको रोज 10 मिनट के ध्यान में उतरना है. मेरे मापदंड में तभी आप फिट कहलाए जाएंगे.
चौथा टेस्ट
3 मिनट का त्राटक – बहुत लोगों ने त्राटक का नाम भी नहीं सुना होगा. मानसिक एकाग्रता बढ़ाने और आंखों की सेहत को सुधारने के लिए त्राटक जैसी कोई और औषधि नहीं. आपको अपने से करीब डेढ़-दो मीटर दूरी पर एक मोमबत्ती जलाकर रखनी है या दीवार में कोई आकृति बना लेनी है. आप मोमबत्ती की लौ को एकटक निहारें. बिना पलटें झपकाए. दीवार पर आकृति को एकटक देखें. रोज कम से कम 3 मिनट तक ऐसा करें. शुरू में आंख से आंसू निकलेंगे. जलन होगी. पर धीरे-धीरे आंखें अभ्यस्त हो जाएंगी. त्राटक को ठीक से समझने के लिए आप माइंटफिट चैनल के पुराने विडियो देख सकते हैं. वहां आपको त्राटक नाम से ही विडियो मिलेगा, जिसमें सबकुछ समझाया गया है. रोज अगर आप कम से कम तीन मिनट का त्राटक करते हैं, तो ही वस्तुत: फिट माने जाएंगे.
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-सुंदर चंद ठाकुर
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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