कांग्रेस विधायक करन माहरा की गाड़ी विधानसभा के गेट पर रोकने से भड़के विपक्ष ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन का बहिष्कार किया. कांग्रेसी विधायक गेट पर पहुंचकर धरने पर बैठ गए. पुलिस के माफी मांगने और दो कर्मचारियों को लाइन हाजिर करने के बाद विपक्ष ने धरना समाप्त किया. बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस ने उसमें हिस्सा नहीं लिया. मदन कौशिक ने धरने पर बैठे विपक्ष को मनाने की कोशिश की लेकिन दोपहर 1.10 बजे दूसरे दिन की कार्यवाही स्थगित होने तक भी धरना समाप्त नहीं किया गया.
सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष को वार्ता के लिए बुलाया.
संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रीतम सिंह के साथ हुई यह बैठक बेनतीजा रही. विपक्ष दोनों पुलिस कर्मियों के निलंबन पर अड़ा रहा. देर शाम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस कर्मियों ने करन माहरा से माफी मांगी, जिसके बाद विपक्ष ने धरना समाप्त किया.
इस दिन की कार्रवाई में सरकार ने सदन के पटल पर उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) संशोधन विधेयक 2018 और उत्तराखंड आयुर्वेद विवि (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किये. सदन में लोकसेवा आयोग की वर्ष 2017-2018 और सेवा का अधिकार आयोग की एटीआर समेत 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई.
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