पहला गाय आक्सीजन लेती है और आक्सीजन ही छोड़ती है. आक्सीजन लेने का पता है लेकिन छोड़ती कहा से है इसके विषय में मंत्रीजी शोध करके बतलायेंगी.
दूसरा सिर्फ गाय का ही बच्चा सबसे पहले अपने मुंह से मां बोल सकता है. ये भी नवीन शोध का विषय है. वैसे बकरी किसी यूरोपीय देश की होती होगी उसका टोन विदेशी लगता है.
तीसरा अपने हाथ से प्रतिदिन गोमाता की सेवा करने पर हस्तरेखायें सकारात्मक हो जाती हैं. ये तो नवा ज्ञान हो गया. इतना नवा की 2100 से इस पर शोध किये जायेंगे.
गाय के निवास करने से घर का वास्तु दोष स्वतः समाप्त हो जाते हैं. इस पर शोध के लिये सरकार को एक राज्य पंडित तय करना पड़ेगा. हमारी राय में सरकार को एक राज्य पंडित हेतु एक अध्यादेश जारी करना चाहिये.
अंतिम बिंदु पर ना किसी भी बहस की गुंजाइश नहीं है क्योंकि इस पर अमेरिका का ठप्पा लगते हुये मंत्रीजी ने बताया है कि एक गाय के दूध में पूरे जीवन में लगभग एक किलो सोने की मात्रा रहती है. इसलिये कल से छेनी और हथौड़ा लेकर अपना अपना दूध छेदना शुरू करें.
पढ़िये कितनी वैज्ञानिक बातें होती हैं उत्तराखण्ड राज्य के सदन में
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