फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसपर मुनस्यारी पुलिस पर गुंडागर्दी के आरोप लग रहे हैं. पोस्ट में लिखा गया है कि पुलिस वाले ने विक्रम नाम के एक युवा विक्रम को केवल इसलिये पीट दिया क्योंकि उसने पुलिस वाले को अपने कैफे में बैठने के लिये कुर्सी नहीं दी. (Uttarakhand Police Misbehaving in Munsyari )
मुनस्यारी में एक छोटा सा कैफे चलाने वाले विक्रम के गले और आँख में चोट आने की बात पोस्ट में लिखी गयी है. पोस्ट में विस्तार से लिखा गया है. पहले थाने में इस पूरे बवाल का एक वीडियो देखिये:
महात्मा गाँधी की मुस्कुराती फोटो के नीचे मां बहन की गालियां देने वाले इन महाशय को मुनस्यारी में थाना प्रभारी बताया जा रहा है. वीडियो में थाना प्रभारी न केवल भद्दी गालियां दे रहे हैं बल्कि आंख नोचने की धमकी भी दे रहे हैं. थाने के भीतर उत्तराखंड मित्र पुलिस का यह व्यवहार दिखा रहा है कि वह कितनी मित्र है.
मुनस्यारी पर्यटकों की एक पंसदीदा जगह है. यहां पुलिस वाले पर आरोप है कि उसने कैफे मालिक को इसलिये पीटा क्योंकि उसने पुलिस वाले की बजाय अपने ग्राहकों को कुर्सी दी. ऐसे स्थिति में सरकार कैसे दावा कर सकती है कि वह पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है और कैसे उत्तराखंड पुलिस खुद को मित्र पुलिस कह सकती है?
इस मामले में अब तक कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन मित्र पुलिस का यह व्यवहार यह बताने को काफी है कि पुलिस की गुंडागर्दी किस कदर यहां हावी है. लोगों को स्वरोजगार की प्रेरणा देने वाले मुख्यमंत्री की ओर से भी मामले पर अब तक कोई बयान नहीं आया है. (Uttarakhand Police Misbehaving in Munsyari)
उत्तराखंड में गिने-चुने लोग ही स्वरोजगार शुरू करने का हौसला रखते हैं पुलिस का यह व्यवहार उनके बीच गलत संदेश देगा. साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों पर भी यहां की पुलिस की गलत छवि पेश करेगा.
-काफल ट्री डेस्क
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2 Comments
विकास नैनवाल
कहा जाता है कि व्यक्ति के किरदार की असली परख तभी होती है जब उस व्यक्ति को ताकत दी जाती है। पुलिस के साथ भी यही है। हर व्यक्ति ताकत नहीं पचा पाता है। ऐसे ही नहीं लोग गुंडों से ज्यादा पुलिस वालों से डरते हैं। दुखद घटना। उम्मीद है संज्ञान लिया जायेगा और उचित कार्यवाही होगी।
Sam Titiyal
बहुत दुखद # ऐसे पुलिस अफसरो पर कठोरतम कार्यवाही की जाये # लेकिन सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया है