बाहरी राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए प्रवासी कामगारों की उत्तराखण्ड समाज के संगठन व संस्थाओं द्वारा यथासंभव मदद की जा रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद के बिना कामगारों का वहां जीना और अपने गाँवों को वापस लौट आना दोनों ही संभव न होते. (Uttarakhand Lok Manch Delhi)
ऐसा ही एक संगठन है ‘उत्तराखण्ड लोकमंच.’ दिल्ली एनसीआर का संगठन ‘उत्तराखण्ड लोकमंच’ कोरोना महामारी व लॉकडाउन के दौर में समाज के कमजोर, बेसहारा व जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहा है. लोकमंच की टीम लॉकडाउन के शुरुआती दौर से ही इन कामों में सक्रिय रही है.
लोकमंच ने मुसीबत में फंसे हर जरूरतमंद व्यक्ति की हर-संभव मदद करने की कोशिश की है. चाहे उन्हें दिल्ली से उत्तराखंड भेजना हो, चाहे उनकी भोजन की समस्या हो या उनके रहने की व्यवस्था.
लोकमंच ने उत्तराखण्ड के उन लोक-कलाकारों की भी मदद की जिनकी आजीविका का एकमात्र साधन अपनी लोककला ही था. अब तक उत्तराखंड लोकमंच जरूरतमंदों की साढ़े छ: लाख रुपये से अधिक की आर्थिक मदद नेट बैंकिंग, पेटीम व राशन के रूप में कर चुका है. जिसमें उत्तराखंड के सत्तर लोक कलाकार भी शामिल हैं.
लोकमंच के अध्यक्ष उप्रेती ने बताया की 25 मई को लोकमंच ने मंच की कार्यकर्ता प्रीति कोटनाला सालियन, ओम पोखरियाल व ज्योति पोखरियाल के माध्यम से अल्मोड़ा जिले के सल्ट ग्राम सभा के भौन डांडा व भैरंग खाल गांव में गांव की मुखिया श्रीमती देवकी डोबरियाल व ग्राम सभा के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में सभी ग्रामवासियों को कोरोना से बचाव वाली किट दी. किट में हाथ सफाई के लिए सेनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, बिस्कुट के पैकिट आदि सामग्री थी. साथ ही राशन की किट भी वितरित की गयी.
लॉकडाउन से छूट मिलते ही लोकमंच की एक टीम उत्तराखंड के पौड़ी क्षेत्र के र्खिसू ब्लाक में आंगनवाड़ी के आशा केद्रों मे जाकर उन्हें कोराना में टैंम्परेचर नापने की थर्मल स्टेनर मशीन व कोरोना से बचाव में आने वाले सामान की तैयार 1000 किट भी वितरित करने जायेगी. यह किट पौड़ी क्षेत्र के गांवों व कोरोना सेंटरों में भी वितरित की जायेगी. 23 मई से लोकमंच की टीम दिल्ली के द्वारका विधानसभा क्षेत्र के इंदिरा पार्क, कमल पार्क, पालम-साध नगर, छतरपुर-महरौली, बसंत कुंज आदि क्षेत्रों की गली-गली, घर-घर जाकर मशीन से सेनिटाइज करने में जुटी है.
गौरतलब है कि लोकमंच अपने स्थापना काल से ही विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में जुटा हुआ है. उत्तराखण्ड की किसी भी आपदा के समय लोकमंच की सक्रीय व सराहनीय भूमिका रही है. चाहे वह केदारनाथ आपदा हो या यमकेश्वर की प्राकृतिक आपदा. लोकमंच ने हमेशा ग्राउंड लेवल पर सेवा-कार्य किया है. इसका श्रेय लोकमंच के कार्यकर्ताओं की इच्छा शक्ति व लोक मंच की मजबूत टीम को जाता है.
उत्तराखंड लोक मंच की टीम के सदस्य हैं :- अध्यक्ष -बृजमोहन उप्रेती, उपाध्यक्ष -लक्ष्मी रावत व पृथ्वी सिंह रावत, महासचिव -पवन कुमार मैठाणी, संगठन सचिव -रमन मंडवाल, सचिव -प्रीति कोटनाला सालियान, सांस्कृतिक सचिव -खुशहाल सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष -आर.पी.चमोली व सक्रिय सदस्य -श्रीमती रोशनी चमोली, प्रभाकर (डब्बू) पोखरियाल, सलाहकार— पद्मश्री जसपाल राणा, अधिवक्ता संदीप शर्मा, उद्यमी मुकेश हिंदवान, वरिष्ठ समाज सेवी महावीर सिंह राणा, समाज सेवी राजेन्द्र सिंह बिष्ट, ए.सी.पी. ललित मोहन नेगी व उद्यमी शशिभूषण नेगी. श्रीदेव सुमन : जिन्होंने राजशाही के खिलाफ़ 83 दिनों का अनशन किया
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