पिछले दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ट्वीटर हैंडल पर मुनस्यारी के ट्यूलिप गार्डन की कुछ तस्वीरें साझा की. तस्वीरों के साथ अंग्रेजी में लिखे इस ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि
(MUNSIYARI ECO PARK CENTER)
मुनस्यारी स्थित ट्यूलिप गार्डन की पहली तस्वीरें साझा करते हुये मुझे ख़ुशी हो रही है. यह मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा था. पंचाचूली की पृष्ठभूमि पर बना यह ट्यूलिप गार्डन दुनिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन में से एक होगा और मुनस्यारी में पर्यटन को बढ़ावा देगा.
I am happy to share the first pics of the successful pilot of my dream project- Munsiyari based Tulip Garden. Set amidst the backdrop of Panchachuli ranges, this garden will be one of the biggest tulip gardens in the world & will transform tourism in Munsiyari region. pic.twitter.com/eCUfnMYilt
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 9, 2020
यह ट्यूलिप गार्डन, मुनस्यारी नेचुरल एजुकेशन एंड इकोपार्क सेंटर का हिस्सा है. इस पार्क में रहने के लिये हट्स और टेंट की सुविधा है. 30 हेक्टेयर में फैले मुनस्यारी नेचुरल एजुकेशन एंड इकोपार्क सेंटर की कुछ तस्वीरें भी मुख्यमंत्री ने साझा की.
पर्यटन की अपार संभावना वाले मुनस्यारी की खूबसूरती के प्रति देश और दुनिया के लोगों के दिलो-दिमाग में एक अलग तरह का आकर्षण हैं. इसी के चलते यह पर्यटकों के बीच ख़ासा लोकप्रिय रहा है.
दुनिया में ट्यूलिप की 4000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. ठंडे स्थानों में उगने वाले इस फूल का मूल स्थान टर्की माना जाता है. ईरानी भाषा के शब्द ट्यूलिप का अर्थ पगड़ी से होता है. 1500 मीटर से 2500 मीटर तक की ऊँचाई में उगने वाले इस फूल का वानस्पतिक नाम लिलिससई है.
(MUNSIYARI ECO PARK CENTER)
मुनस्यारी की काठगोदाम रेलवे स्टेशन से दूरी 295 किमी है. लम्बे सड़क मार्ग के बाद जब पर्यटक यहाँ पहुचंते हैं तो मुनस्यारी की वादियां एक अलग दुनिया में उसका स्वागत करती हैं. मुनस्यारी नेचुरल एजुकेशन एंड इकोपार्क सेंटर में ट्यूलिप गार्डन की तस्वीरें देखिये :
सभी तस्वीरें मुख्यमंत्री के ट्वीटर अकाउंट से ली गयी हैं.
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