वैसे तो ऊपर के चित्र में दिख रही चिड़ियां कुमाऊँ में बहुतायत से पाई जाती हैं और इनके कॉटेज मैना और स्पॉटेड डव जैसे आकर्षक अंग्रेज़ी नाम भी हैं लेकिन कुमाऊनी बोली में इन दोनों को ख़ास तरीकों से जज़्ब किया गया है.

माना जाता है कि मनुष्य की विष्ठा सिटौले का प्रिय आहार है. शराब के लती लोगों में अक्सर कैपेसिटी से ज़्यादा शराब पी लेने और उसके घातक आफ्टर-अफेक्ट्स से रू-ब-रू हो चुकने के बाद “कल से जो पिएगा, साला कुत्ते का बच्चा होगा!” जैसे वाक्य कहे जाने की सनातन परम्परा है. अमूमन यह वाक्य सुबह के वक्त बोला जाता है. शाम को ऐसा कहने वाले महात्मा किसी अड्डे पर पुनः शराब पीते नज़र आते हैं. उन्हें सिटौला कहा जाता है.

बार-बार “मैंने छोड़ दी है!” कहकर बार-बार ही टोटिल पाए जाने वाले द ग्रेट हिमालयन कॉटेज डव की श्रेणी में गिने जाते हैं.

शराब के सेवन के अतिरेक के पश्चात मनुष्य में कई तरह के व्यावहारिक परिवर्तन आते हैं. कोई गाली-गलौज करने लगता है तो कोई मारपीट. कोई गाना सुनाने लगता है तो कोई सिर्फ अंग्रेज़ी बोलता है. कोई पुरानी प्रेमिका(ओं) की याद में “ओईजा ओबाज्यू” अर्थात “हे तात हे माते” करता हुआ करुण क्रंदन करने लगता है तो कोई हकलाना शुरू कर देता है.

व्यवहार में आने वाले इन परिवर्तनों के दस हज़ार रंग हैं जिनसे सुधीजनों का बारम्बार साक्षात्कार होता रहता है.

एक कैटेगरी और होती है – मिनट-मिनट पर “तेरी भाभी वेट कर रही होगी यार!” का जाप करता रहने वाला, माता-पिता-पत्नी-परिवार इत्यादि से सतत भयाक्रांत रहने वाला कोई सत्पुरुष धर्मात्मा जब औकात से ज़्यादा पी लेता है और चलने से लाचार हो कर अपने किसी दोस्त पर लधर चुकने के पश्चात जैसे-तैसे घर पहुंचाया जाता है तो प्राणिविज्ञानियों के कथनानुसार वह घुघुता अर्थात स्पॉटेड डव जैसा दिखाई देने और कालान्तर में इसी नाम से जाना जाने लगता है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

9 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

6 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago