किसी समय एक चूहा रहता था जिसकी एक बहुत सुन्दर विवाहयोग्य कन्या थी. चूहा बहुत महत्वाकांक्षी था और अपनी सामाजिक हैसियत ऊंची करने के लिए अपनी पुत्रे का विवाह संसार के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के साथ करने का पक्का निश्चय कर चुका था. इस उद्देश्य से वह सूरज के पास गया और उसे अपनी पुत्री विवाह हेतु प्रस्तुत की लेकिन सूर्य ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, अगर मेरी परिस्थितियां ठीक होतीं तो मैं अवश्य तुम्हारी बेटी से विवाह कर लेता. सबसे पहली बात यह है कि मैं गर्मी का केंद्र हूँ और तुम्हारी बेटी मेरी किरणों को बर्दाश्त नहीं कर सकेगी. दूसरी बात यह कि मेरे आस रहने को अपना कोई घर नहीं है और चूंकि मुझे दिन-रात धरती के चारों तरफ चक्कर लगाना होता है, तुम्हारी बेटी के लिए भोजन-वस्त्र कमाने का मेरे पास समय ही नहीं होगा. बेहतर होगा तुम अपनी बेटी के विवाह के लिए मेरे भाई चंद्रमा के पास जाओ.” The Ambitious Mouse Folktale
ऐसा सुनकर चूहे ने चंद्रमा के घर तक की यात्रा की और उससे मिलकर विवाह का प्रस्ताव दिया. चंद्रमा ने बहुत शालीनता के साथ चूहे की आतिर-खातिर की और कहा, “देखिये श्रीमान, मैं आपकी बेटी के लिए सही जोड़ा नहीं हो सकता क्योंकि मेरे शरीर पर दाग हैं जिन्हें छिपाने की नीयत से मैं सिर्फ रात को निकलता हूँ. इसके अलावा मेरे ऊपर बादल का ऐसा जोर चलता है कि वह जब चाहे मुझे ढंक सकता है. उचित तो यही होगा कि आप बादल से अपनी बेटी का विवाह करें क्योंकि वह मुझसे अधिक ताकतवर है.” The Ambitious Mouse Folktale
चूहे पिता ने ऐसा ही किया और बादल को अपनी पुत्री का हाथ प्रस्तुत किया. बादल ने यह कहते हुए कि वह अपने शत्रु पवन से आसानी से हार जाता है चूहे को राय दी कि अपनी बेटी का विवाह पवन से कर दे.
चूहा पवन के पास गया जिसने उसकी बात सुन कर जवाब दिया, “देखिये जनाब दुनिया में मेरी कोई ताकतवर हैसियत नहीं है. यह सच है कि मैं चीजों को उड़ा सकता हूं लेकिन उस पत्थर का मैं कुछ नहीं कर सकता जो मुझसे अधिक भारी और ताकतवर है. बेहतर होगा अप उसे ही अपनी बेटी दें.”
अब चूहा पत्थर के पास गया जिसने कहा, “मेरी बदकिस्मती है श्रीमान! मैं तो एक निर्जीव चीज हूँ जो चल-फिर नहीं सकता. मैं आपकी बेटी के लिए रोटी-कपड़ा कैसे कमा सकूंगा?आप धरती के पास क्यों नहीं जाते जिस में से कीमती धातु-पत्थर के अलावा और अनेक तरह की स्वादिष्ट चीजें उगती हैं? उसी से विवाह कर आपकी बेटी को दुनिया भर की सुख-सुविधाएं हासिल होंगी.” The Ambitious Mouse Folktale
इस सुझाव से चूहा बहुत खुश हुआ और धरती के पास जा पहुंचा और अपनी बात रखी. धरती ने कहा, “आपप्रस्ताव स्वागत योग्य है लेकिन मेरा आपकी बेटी से विवाह असंभव है क्योंकि मैं उस पेड़ की जड़ों से बंधा हुआ हूँ जिसे मैंने अपने सर पर उठा रखा है.बेहतर होगा आप पेड़ के पास जाकर अपनी बेटी का विवाह उसी से करें. वह मुझसे अधिक शक्तिशाली है.”
अब चूहा पेड़ के पास गया और उस संबोधित कर अपना पस्ताव उसके सामने रखा.पेड़ ने कहा, “हालांकि धरती के ऊअर मेरा थोड़ा बहुत नियंत्रण चलता है पर आपके छोटे-छोटे चूहे मुझसे कहीं बेहतर हैं. आप लोग मेरी जड़ों को काट-काट कर मुझे ख़तम करने की शक्ति रखते हैं इसलिए आप मुझसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली हैं और इसलिए आपने अपनी बेटी का विवाह किसी चूहे से ही करना चाहिए. वह आपका प्रस्ताव अवश्य स्वीकार कर लेगा.”
इस तरह आखिरकार चूहा एक और चूहे के पास गया जिसके साथ खूब धूम-धाम और उत्सव के साथ उसकी बेटी का विवाह हुआ. The Ambitious Mouse Folktale
[यह कथा ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से ली गयी है. मूल अंग्रेजी से इसका अनुवाद अशोक पाण्डे ने किया है. इस पुस्तक में इन लोक कथाओं को अलग अलग खण्डों में बांटा गया है. प्रारम्भिक खंड में ऐतिहासिक नायकों की कथाएँ हैं जबकि दूसरा खंड उपदेश-कथाओं का है. तीसरे और चौथे खण्डों में क्रमशः पशुओं व पक्षियों की कहानियां हैं जबकि अंतिम खण्डों में भूत-प्रेत कथाएँ हैं. A Girl and her Snake Husband]
‘हिमालयन फोकलोर’ से अन्य कहानियां पढ़ें – बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा एक तीतर को लेकर हुए घमासान में एक परिवार के उजड़ने की लोककथा
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…