नैनीताल जिले का तराई-भाभर क्षेत्र शिवालिक पर्वत की जड़ में स्थित है. पहाड़ों से तेजी से बहकर आने वाली नदियों और भारी बारिश से हुए भूस्खलन की वजह से पहाड़ से बहकर आने वाले कंकड़, पत्थर और मिट्टी से इस भौगौलिक क्षेत्र का निर्माण हुआ है. शिवालिक पर्वत के दक्षिणी ढलान की जड़ पर भूमि अचानक समतल हो गयी है. पहाड़ों से बहकर चले आये मलबे से इस मैदान में एक संकरी पट्टी बन गयी है. इस पट्टी को भाभर कहा जाता है. पहाड़ से बहकर आने वाली बारीक रेता और मिट्टी से बनी जमीन को तराई कहा जाता है. इस तरह शिवालिक पर्वत श्रृंखला के नीचे की इस जमीन को ही तराई-भाभर कहा जाता है. (Terai Bhabhar area of Nainital district)
तराई के बारे में एटकिंसन ने कहा है—
तराई क्षेत्र लम्बी और संकरी पट्टी के रूप में है. इसकी लम्बाई लगभग 114 किमी और चौड़ाई 19 किलोमीटर है. इसके उत्तर में भाभर का इलाका है. दक्षिण में पीलीभीत, बरेली, मुरादाबाद और रामपुर जिले हैं. इसके पूर्वी छोर पर शारदा नदी बहती है तो पश्चिम में बिजनौर जिला है.
भाभर के बारे में ई. वी. स्मिथीज कहते हैं—
यह क्षेत्र पथरीली धरा है, जो कुमाऊँ की जड़ पर है. नेपाल की तरफ इसके पूर्वी छोर पर शारदा नदी बहती है. पश्चिमी दिशा में कालाढूंगी और बौर नदी है. इस पट्टी की चौड़ाई 4.83 किमी से 24.15 किमी तक है. यह उबड़-खाबड़ जमीन है. इसके कुमाऊँ हिमालय से लगे छोर की ऊँचाई लगभग 341 मीटर है. तराई क्षेत्र से इसके मिलने के बिंदु पर ऊँचाई 227.84 मीटर है.
कभी तराई का इलाका काफी दलदली हुआ करता था. इसी वजह से यहां पर मच्छरों की भरमार हुआ करती थी और मलेरिया का महामारी के रूप में प्रकोप था. अब यह इलाका फसलों से भरपूर संपन्न किसानों के फार्मों में बदल चुका है.
भाभर का इलाका कंकड़-पत्थरों से भरा हुआ है. इस वजह से यहां की जमीन में नमी को संजोकर रख पाने की क्षमता नहीं है. इस इलाके में तराई के मुकाबले सिंचाई वाली जमीन की कमी है. यहां आबादी उन्हीं इलाकों में ज्यादा है जहां बाद में सिंचाई की सुविधाओं का विकास हुआ, या फिर जो नदी किनारे का भाग है. इस इलाके में कुमाऊँ की दूर-दराज पहाड़ियों से आकर लोग बस गए हैं.
तराई-भाभर में कोसी, गौला और काली नदियों के अलावा सभी का उद्गम शिवालिक पर्वत में है. इन नदियों में फीका, ढेला, नन्धौर, भाखड़ा और कामीन प्रमुख हैं.
(उत्तराखण्ड का समग्र राजनैतिक इतिहास (पाषण युग से 1949 तक) –अजय सिंह रावत– के आधार पर)
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1 Comments
अमरजीत सिंह
अधूरी जानकारी है इस पोस्ट में, कृपया पूरी जानकारी इतिहास और भूगोल को ध्यान में रखकर प्रस्तुत करने की कृपा करें 🙏