चीड़ के वनों से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ और तथ्य
हिमालयी क्षेत्रों में वर्षों से वनाग्नि की घटनाएं होती रही हैं और इन वनाग्नियों के पीछे कुछ प्राकृतिक और अनेक मानव जनित कारण रहे हैं. हाल के कुछ वर्षों में इन घटनाओं के पीछे जो सबसे बड़ा कार... Read more
उत्तराखंड में आज बड़ी धूम से लोकपर्व हरेला मनाया गया. हरेला पर्व की के दिन जहां दिन भर जगह-जगह वृक्षारोपण के कार्यक्रम हुये वहीं सोर घाटी में हरेला सोसायटी के युवा पारम्परिक अंदाज में लोकपर्... Read more
कोरोना संकट के बीच पिथौरागढ़ के दो गावों ने साबित किया सोरयाली सबसे ख़ास हैं
कल एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पिथौरागढ़ वाले खास हैं. इस आपदा की स्थिति में सब एक दूसरे का साथ दे रहे हैं. तो हाँ, सोरयाली इस बात में कुछ तो खास हैं. इस एक बात से एक बात और जोड़ दूं, वो... Read more
स्थानीय फूलों से रंग बनाकर पिथौरागढ़ के युवा आजीविका और प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं
हर वर्ष की तरह इस बार भी होली के आगमन पर बाजार में तरह-तरह के रासायनिक रंग और प्लास्टिक की बनी पिचकारिया, खिलौने, मास्क इत्यादि आ चुके हैं. आधुनिकता की इस चमक-धमक के बीच हरेला सोसायटी, पिथौर... Read more
हरेला सोसायटी नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. पिछले पांच छः सालों में पिथौरागढ़ जिले को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने वाली हरेला सोसायटी तीन-एक वर्षों से जिले में होली के दौरान नेच... Read more
हरेला सोसायटी के युवाओं की मुहिम का हिस्सा बनकर आप भी उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचा सकते हैं
जनवरी का आधा महीना जा चुका है, फरवरी खत्म होते-होते बीते साल की तरह जंगलों में आग लगने की खबरें अख़बारों में छपना शुरू हो जायेंगी. सोशियल साइट्स पर करुण हृदय सम्राट साथी मार्मिक पोस्ट लगायेंग... Read more
किसी शहर के भविष्य का आधार उसका युवा होता है. एक ऐसे समय जब पूरे विश्व भर में युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के नाम पर भाषण पिलाया जा रहा है उस समय पिथौरागढ़ में युवाओं का एक समूह ‘हरेला... Read more
पृथ्वी दिवस पर पिथौरागढ़ के युवाओं द्वारा चलाई जाने वाली हरेला सोसायटी को जानिये
पिथौरागढ़ में पिछले कुछ सालों में आपको जगह-जगह पर स्कूल के बच्चे और उनके साथ 16 से 30 तक की उम्र के कुछ युवा आपको सफाई करते हुए कहीं भी कभी भी मिल जायेंगे. पिथौरागढ़ में एक जगह है चंडाक. मुख्य... Read more
आज के समय में जितना यह सुनने में अजीब है उससे कई ज्यादा इन तस्वीरों को देखने में सुकून है जिनमें छोटे-छोटे स्कूल पढ़ने वाले बच्चे पेड़ों से लिपटे हुए नजर आते हैं. पिथौरागढ़ के बच्चे पेड़ों को गल... Read more
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