लॉकडाउन और घर वापसी – एक छोटी कहानी
– कहाँ जा रहे हो? Short Lockdown Story Umesh Tiwari Vishwas – घर वापस. – यहाँ क्या परेशानी है? – यहाँ खाने-पीने को नहीं मिल रहा है. – पैदल ही चले जाओगे? –... Read more
कभी छत में आने की फुर्सत तो निकालो प्यारे
मेरे दार्शनिक बाबूजी कहते थे, जिंदगी में सुखी रहोगे अगर ये अंदर बिठा लो ‘ये भी न रहेगा’. इस सूत्र ने मुझे सुख में उछलने न दिया. दुःख मिला तो काढ़ा बना कर इम्यून सिस्टम मजबूत करने के ल... Read more
मयनोशों का लॉकडाउन और शहंशाह मास्स्साब का किस्सा
लॉकडाउन के चलते जब सब कुछ बंद है तो ऐसे में कई किस्से खुल रहे हैं. हर वो दौर चर्चाओं में आ रहा है जिसका असर आज के ठप पड़े बाजारों से है. किस्सों की पोटली जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो... Read more
लॉकडाउन में उत्तराखंड में विद्यार्थियों के लिए कक्षाओं का प्रसारण करेगा दूरदर्शन
डीडी उत्तराखंड, देहरादून और विद्यालयी शिक्षा विभाग , उत्तराखंड सरकार के बीच कोविड 19 के कारण लॉकडाउन को देखते हुए दूरदर्शन के माध्यम से शैक्षिक प्रसारण के लिए आज करारनामा (MoU) हस्ताक्षरित क... Read more
इन मुश्किल दिनों में फिजिक्स की मुफ्त ऑनलाइन क्लासेज लगा रहे हैं खलीफा अध्यापक मनमोहन जोशी
इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा है. इसकी भरपाई के लिए नगरों-कस्बो और गाँवों के अनेक विद्यालय अपने बच्चों के लिए ऑनलाइन क... Read more
लॉकडाउन के दिनों में लाखों बच्चों का हीरो बन कर उभरा द्वाराहाट का नौ साल का टीचर बच्चा अनन्त घुघत्याल
द्वाराहाट नाम के छोटे से कस्बे में रहने वाले नौ साल के एक बच्चे ने लॉक डाउन के दिनों में भी खुद को ढेर सारे कामों में व्यस्त रखते हुए खुद को पढ़ाने का एक बिलकुल नया तरीका खोज निकाला है. Anan... Read more
लॉक डाउन के दिनों में सुल्ताना डाकू और जिम कॉर्बेट की धरती पर बने अपने फार्म हाउस में
आजकल मैं अपने गाँव फतेहपुर में हूँ. हल्द्वानी से सात किलोमीटर दूर कालाढूंगी रोड में नया उभरता हुआ एक क़स्बा है फतेहपुर. आज से पचास-साठ बरस पहले यह जगह क़स्बा तो क्या, गाँव भी नहीं थी. जिम कॉ... Read more
Popular Posts
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल
- चप्पलों के अच्छे दिन
- छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
- बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि
- ‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा