दर्शनशास्त्र, फुटबॉल और कामू के फटे जूते
Posted By: Kafal Treeon:
2014 के पिछले वर्ल्ड कप में दक्षिण कोरिया और जर्मनी के खिलाफ जिस तरह का खेल अल्जीरिया ने दिखाया था, उसे अफ्रीकी फुटबॉल का एक पावरहाउस माना जाने लगा था. ‘डेज़र्ट फ़ॉक्सेज़’ के नाम से... Read more
जिसने 42 साल की उम्र में किया वर्ल्ड कप में गोल
Posted By: Kafal Treeon:
फुटबॉल के लिए उस तरह का क्रेज़ न रखने वाले हमारे अपने देश के अखबारों तक ने उस साल अपने मुखपन्नों पर रोजर मिला की तस्वीरें छापीं थीं. नौ नंबर की गाढ़े हरे रंग की जर्सी पहनने वाले रोजर मिला ने उ... Read more
Popular Posts
- पहाड़ से निकलकर बास्केटबॉल में देश का नाम रोशन करने कैप्टन हरि दत्त कापड़ी का निधन
- डी एस बी के अतीत में ‘मैं’
- शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया
- अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक
- शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?
- वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा
- देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी
- चंद राजाओं का शासन : कुमाऊँ की अनोखी व्यवस्था
- उत्तराखंड में भूकम्प का साया, म्यांमार ने दिखाया आईना
- हरियाली के पर्याय चाय बागान
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल