वो अपनी ही कविता के एक लुटेपिटे हैरान से थकान से चूर खून और गर्द से भरे चेहरे वाले आदमी सरीखे हैं -शिवप्रसाद जोशी हिंदी के युवा कवि प्रमोद कौंसवाल का पहला कविता संग्रह 90 के दशक में आया था.... Read more
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