पहाड़, भाबर व तराई वाले तीन तरह की भूमि के मिश्रणों वाली नैनीताल लोकसभा सीट अपने पहले लोकसभा चुनाव के दिनों से ही ऐसी है. राज्य बनने से पहले इसमें उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की बहेड़ी विधानस... Read more
क्या सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा उत्तराखण्ड में चुनावी मुद्दा नहीं हो सकते?
आपका उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में घर हो और अठारह सालों में पहाड़ की यात्रा में आपने कितने बार यह कहा है कि इस बार की सड़क यात्रा शानदार रही. पहाड़ की जीवनरेखा बताकर 1960 से हमारी जमीनें सरकार... Read more
देशभर में चुनाव का माहौल है. नेता आदत के अनुसार कुछ भी बोल रहे हैं. उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव पहले चरण में होने हैं इसलिए यहां चुनावी गर्मी तेज हो गयी है. जाहिर है चुनावी गर्मी में नेता किस... Read more
जब एन डी तिवारी ने बनाई थी अपनी कांग्रेस पार्टी
राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड से निकले सबसे बड़े राजनेता नारायण दत्त तिवारी तकरीबन जीवन भर कांग्रेस के वफादार सदस्य रहे. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर 1952 में किया था जब वे प्रजा सोशलिस्ट पार्ट... Read more
Popular Posts
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल
- चेरी ब्लॉसम और वसंत
- वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण
- ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’