खटीमा में हुए एक पुराने पुलिस एनकाउंटर की कहानी
[उत्तराखण्ड के जनपद उधमसिंहनगर में साल 2009 में घटे एक लाइव एनकाउंटर की यह कथा हमारे सहयोगी अमित श्रीवास्तव ने बयान की है. इन दिनों जब पुलिस एनकाउंटर की पूरी प्रक्रिया कई तरह के प्रश्नों के... Read more
टीवी में बहुत ही रोचक कार्यक्रम आ रहा था जिसका विषय था-दानव मछली. यानी ऐसी बड़ी-बड़ी मछलियाँ जो रहती तो नदी में थी लेकिन उनके जीवित मनुष्यों को निगल जाने की किंवदंतियाँ भी थीं. क्योंकि विष... Read more
ज़िंदा गरीब औरत को तो मरा ही समझो डाक्साब!
सर्जिकल वार्ड सेवन में, जुलाई की उमस भरी बदबूदार दोपहर में, सीलन भरे अंडे के छिक्कल पर दरारों जैसी ब्रिटिश क़ालीन गुम्बद के आकार वाली छत के नीचे, ओवरसाइज्ड एप्रैन पहने पसीने से तर-ब-तर वह नय... Read more
Popular Posts
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं