कोई कवि होय हमें क्या हानी
वैसे कविता के नाम पर लोगों की खाल में भूसा भरने की भारत में लंबी परंपरा रही है. अगर याद करें तो आपके हमारे आसपास हमेशा कोई ना कोई भुसकैट कवि विद्यमान रहा है जिसने आपकी सज्जनता भरी सहनशीलता क... Read more
रह गई है अभी कहने से सबसे ज़रूरी बात
कुछ कद्दू चमकाए मैंनेकुछ रास्तों को गुलज़ार कियाकुछ कविता-टविता लिख दीं तोहफ़्ते भर ख़ुद को प्यार किया अब हुई रात अपना ही दिल सीने में भींचे बैठा हूँहाँ जीं हाँ वही कनफटा हूँ, हेठा हूँटेलीफ़... Read more
प्यार करते हैं नवीन सागर लालच और नफरत की ऑंधी हैफोटू में गॉंधी हैऔर बाजार ही बाजार है. ऐसे में वह दिन आता हैजब युद्ध जरूरी हो जाता हैनजरें बचाते हुएकहते हैं युद्ध अब जरूरी है. वह दिन आता हैज... Read more
मोबाइल पर उस लड़की की सुबह
मोबाइल पर उस लड़की की सुबह-वीरेन डंगवाल सुबह-सवेरेमुँह भी मैलाफिर भी बोलेचली जा रहीवह लड़की मोबाइल पररह-रहचिहुँक-चिहुँक जाती हैकुछ नई-नई-सी विद्या पढ़ने कोदूर शहर से आकर रहने वालीलड़कियों के... Read more
सिल्ला और चिल्ला गाँव – लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़उत्तर और दक्षिण के पहाड़ हमें बाहर देखने नहीं देतेवह चील हमसे ज्यादा... Read more
17 फरवरी 1952 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्मे उमेश डोभाल को एक निर्भीक पत्रकार के रूप में याद किया जाता है. एक पत्रकार होने के अलावा वे अच्छे कवि और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. (Umesh Dobh... Read more
फादर्स डे स्पेशल : वीरेन डंगवाल की कविता
रूग्ण पिताजी रात नहीं कटती ? लम्बी यह बेहद लम्बी लगती है ? इसी रात में दस-दस बारी मरना है जीना है इसी रात में खोना-पाना-सोना-सीना है जख्म इसी में फिर-फिर कितने खुलते जाने हैं कभी मिले थे... Read more
मर्लिन मुनरो का टेलीफोन उठा लो परमेश्वर!
क्या मर्लिन मुनरो का जीवन विश्व सिनेमा की सबसे बड़ी त्रासदी था? (Marilyn Monroe Birthday) यह सवाल मुझे बहुत लम्बे समय से परेशान करता रहा है. जब कुछ बरस पहले मैंने निकारागुआ के बड़े आधुनिक कवि... Read more
अगर समझ सको तो, महोदय पत्रकार!
पत्रकार महोदय – वीरेन डंगवाल ‘इतने मरे’ यह थी सबसे आम, सबसे ख़ास ख़बर छापी भी जाती थी सबसे चाव से जितना खू़न सोखता था उतना ही भारी होता था अख़बार. अब सम्पादक चूंकि था प्रका... Read more
तवाघाट कितना कुछ बताता है हमें
लखनऊ में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार-यायावर-कवि गोविन्द पन्त ‘राजू’ देश के पहले पत्रकार थे जिन्हें अन्टार्कटिका के अभियान में जाने के लिए चुना गया था. नैनीताल से गहरा ताल्लुक रखने व... Read more
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