बीती रात दीप जोशी नहीं रहे. अल्मोड़ा नगर की पत्रकारिता के पर्याय माने जाने वाले दीप लम्बे समय से ‘अमर उजाला’ अखबार के ब्यूरो प्रमुख थे. उनके जाने से समूची पत्रकार-बिरादरी स्तब्ध ह... Read more
इंसानी चेहरा नहीं आपकी सरकारों के पास – हुक्मरानों के नाम विनोद कापड़ी का खुला ख़त
पिछले महीने की 12 तारीख को राजस्थान के नागौर ज़िले में कूड़े के ढेर में एक नवजात बच्ची के मिलने का समाचार छपा था. जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही इस बच्ची की हालत से द्रवित होकर विनोद कापड़ी और... Read more
मूलतः कुमाऊँ के बेरीनाग इलाके के निवासी और हमारे साथी फिल्मकार-पत्रकार विनोद कापड़ी लगातार काफल ट्री पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे हैं. उन्होंने अपने बचपन की यादों को साझा करने के अलावा अ... Read more
पीहू की कहानियाँ – 4
ऐसा भी लगा था कि ये फ़िल्म शायद शूट नहीं कर पाएँगे पीहू की शूटिंग के लिए हमें बहुत कुछ नॉन फ़िल्मी करना था. हम सब जानते थे कि ये कोई रोज़ शूट होने वाली फ़िल्म नहीं है. ये एक अलग फ़िल्म है. ए... Read more
पीहू की कहानियाँ – 3
जब पीहू ने मेरी ग़लती को ठीक किया पीहू के माता पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने के बाद मैंने तय किया कि अब मुझे पीहू से रोज़ मिलना चाहिए. पीहू से दोस्ती बनाने के लिए भी... Read more
पीहू की कहानियाँ – 2
जब लगा कि अब पीहू नहीं बन सकती … कहानी और पीहू दोनों मिल चुकी थी. प्रोड्यूसर मिलना बाक़ी था. एक और बेहद मुश्किल काम. मुंबई में अलग अलग स्टूडियोज़ और प्रोड्यूसर से मिलना – बात करन... Read more
पीहू की कहानियाँ – 1
काफल ट्री पर आप पिछले कई दिनों से विनोद कापड़ी की आत्मकथा बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली पढ़ रहे हैं. 16 नवम्बर को विनोद कापड़ी की फिल्म पीहू रिलीज होने जा रही है. विनोद अपनी फिल्म पीहू से जुड़ी कुछ... Read more
बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 3
पिछली कड़ी से आगे… हैवलोक लाइन्स , मिलेट्री अस्पताल और सिकंदराबाद… कभी सोचिए, जो ज़िंदगी आपने जी तो हो और आपको बिलकुल भी याद ना हो? ऐसा शायद दो ही सूरत में होता है. जब आप की उम्र तीन-चा... Read more
बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 2
पिछली कड़ी से आगे… अमिताभ बच्चन या विनोद खन्ना ? 15 अगस्त 1971 को मेरी माँ के मन में ये सवाल आया तो उन्होंने किसे चुना होगा ? उन्हें मेरा नाम रखना था.मै तो पैदा हो गया था पर अमिताभ बच्च... Read more
विनोद कापड़ी का इंटरव्यू
पिछले दिनों हमने विनोद कापड़ी के विषय में लिखा था. 2016 के अंत में हल्द्वानी फिल्म फेस्टिवल के दौरान विनोद कापड़ी की फिल्म ‘मिस. टनकपुर हाजिर हो ‘और ‘कांट टेक दिस शिट एनीमो... Read more
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