नौलिंग देवता और सनगड़िया मसाण की कहानी
भगवान मूल नारायण ने अपने दोनों पुत्रों बज्यैण और नौलिंग को अपने से समान दूरी पर भनार और सनगाड़ भेजा था. नौलिंग देवता जब सनगाड़ पहुंचे तो वहां की प्राकृतिक छटा से इतने प्रभावित हुए कि वहीं रहने... Read more
संजू बाबू नैनीताल के एक बड़े अंगरेजी स्कूल से पढ़े थे. यह इकलौता तथ्य उन्हें अधिकार देता था कि वे अपने व्यवहार में एक सतत ठसका बनाए रखें. कपड़ों से लेकर घड़ी और म्यूजिक सिस्टम से लेकर जूतों तक ह... Read more
कुमाऊं में अन्नप्राशन संस्कार
अन्नप्राशन संस्कार बच्चे के दांत निकलने से पहले किया जाता है. कुमाऊं में इसे अनपासनि, पासणि भी कहा जाता है. शुभ मुहूर्त और लग्न के साथ यह संस्कार पुत्र को छठे या आठवें महीने और पुत्री को पां... Read more
आज गंगा दशहरा है
आज गंगा दशहरा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस वर्ष गंगा दशहरा 12 जून, 2019 को पड़ रहा है. कुमाऊं क्षेत्र के हिस्सों में इस दिन घरों के मुख्य दरवाजों के ऊपर और मंदिरों में गंगा... Read more
कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण
लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए एवं परंपरा से देश काल की विविध परिस्थितियों का चित्रण करते हुए उनके बीच प्रच... Read more
तराई-भाबर की लीची न खाई तो क्या खाया
लीची आ गई हैं. बाग-बगीचों में, वहां से तोड़कर बाजारों में और मेरे घर पर भी. लीची मेरा प्रिय फल रहा है. इतना प्रिय कि पहले एक बैठकी में पांच किलो तक उदरस्थ कर लेता था और अब भी कम से कम दो किल... Read more
गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं. पहाड़ों में इन दिनों दिल्ली और अन्य बड़े शहरों के बच्चे ठंडी हवा में खूब मौज भी काट रहे होंगे. उत्तराखंड के लोग इस लिहाज बड़े सौभाग्यशाली हैं कि उनके पास... Read more
पुण्यतिथि विशेष: पप्पू कार्की हमेशा याद आएंगे
प्रवेन्द्र सिंह कार्की उर्फ़ पप्पू कार्की (30 जून 1984-9 जून 2018) आज ही के दिन एक साल पहले सड़क दुर्घटना में उत्तराखण्ड की नयी पीढ़ी के अग्रणी लोकगायक पप्पू कार्की का निधन हो गया था. मात्र 34... Read more
जागेश्वर : बारह ज्योतिर्लिंगों का समूह जागेश्वर एक हिन्दू धार्मिक स्थान है जो अल्मोड़ा शहर से 37 किमी की दूरी पर है. समुद्र तल से 1,870 मी की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर समूह में कत्यूरीकाल, उत्त... Read more
हमें लापरवाही पर रोक लगाओ, वनाग्नि से जीव जंतु बचाओ की पहल शुरू करनी चाहिए
हर साल वनाग्नि के कारण उत्तराखंड राज्य की बहुमूल्य सम्पति, इसकी धरोहर जल कर नष्ट हो रहे हैं. हर साल हजारों हैक्टेयर जंगल वनाग्नि में जल कर राख हो रहे हैं. इस साल राज्य मे लगभग 1400 वनाग्नि क... Read more
Popular Posts
- डी एस बी के अतीत में ‘मैं’
- शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया
- अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक
- शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?
- वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा
- देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी
- चंद राजाओं का शासन : कुमाऊँ की अनोखी व्यवस्था
- उत्तराखंड में भूकम्प का साया, म्यांमार ने दिखाया आईना
- हरियाली के पर्याय चाय बागान
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल
- चेरी ब्लॉसम और वसंत