रानीखेत रोड से होती हुई रेवती लकड़ियों की गढ़ोई (बंडल) लेकर जैसे तंबाकू वाली गली से गुजरी, जमनसिंह की आँखों में चमक-सी आ गई. आलस में सुस्ता रहे शरीर में करंट-सा दौड़ गया. उसने अध लेटे शरीर क... Read more
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