भटिया: पहाड़ में पुरखों की ताकत का असल राज
पहाड़ के भोजन की सबसे बड़ी विशेषता उसकी सरलता है. गरीबी और पहाड़ एक दूसरे के पूरक रहे हैं. एक लम्बे समय तक पहाड़ के लोगों के पास खाने को बस वही था जो हाड़-तोड़ मेहनत के बाद सीढ़ीदार खेतों की... Read more
आजकल आत्मनिर्भरता का शोर बहुत है लेकिन जब तक आमा थी यह शोर नहीं था. इसके बावजूद न सिर्फ आमा बल्कि पूरा परिवार ही आत्मनिर्भर था. घर में मवेशी इतने थे कि दूध, दही, घी से लेकर मक्खन और छाछ तक स... Read more
झड़पातली : पहाड़ियों का टाइमपास
वैसे तो पहाड़ के लोगों के पास इतना टाइम ही नहीं होता की उसे पास किये जाने के लिए कुछ किया जा सके. सुबह चार बजे से लेकर रात तक हाड़-तोड़ मेहनत करने वाले पहाड़ियों की डिक्शनरी में शायद ही टाइमपास... Read more
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