आजकल तो भाबर में अब शहर तो छोड़िए गांव-गांव बिजली की चमक पहुँच गयी है. चार दशक पहले ऐसा नहीं था. भाबर के अधिकतर गांव रात को अधेरे में डूबे रहते थे. रातों में गांव में एक अजीब तरह की नीरवता औ... Read more
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