छिद्दा पहलवान वाली गली: शैलेश मटियानी की कहानी
Posted By: Kafal Treeon:
पिछले कई वर्षों से, लगभग प्रत्येक मंगलवार को, वह हनुमान मन्दिर आता रहा है. अपनी सम्पूर्णता में सिन्दूर-तेल से सनी हुई हनुमानजी को विशाल मूर्ति उसे सदैव एक अवतार-पुरुष की-सी दिव्यता से अभिभूत... Read more
सुवा रे, ओ सुवा !बनखंडी रे सुवा.हरियो तेरो गात,पिंडलो तेरो ठूनाबनखंडी रे, सुवा !(Suhagin Story Shailesh Matiyani) काँसे की थाली में कमलावती बोज्यू रोली-अक्षत भिगो रही थीं और पद्मावती अपनी डब... Read more
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