बच्ची अपने नेपाली गीतों में ही खोई हुई थी. तभी मेरे मित्र डी.एस.कुटियालजी आते दिखे. मैं उनकी ओर लपक लिया. वह तब बागेश्वर में वायरलेस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर थे. मैंने उन्हें बताया था क... Read more
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