खेतों-बगीचों के बीच से गांव की तरफ जाने वाली पगडंडियों को चित्रकारों और कैमरामैनों की नजर से आपने खूब देखा होगा. हरियाली के बीच जगह बनाते हुए लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले ये रास्ते म... Read more
बेरीनाग में पानी के लिए प्रदर्शन कर रहीं चालीस महिलाओं समेत 70 लोगों पर मुकदमा दर्ज. धारचूला के आपदा पीड़ितों को अगले हफ्ते से भोजन नहीं मिलेगा. हैरत की बात है ऐसी खबरें अब लोगों को कतई प्रभ... Read more
गांव के उन रास्तों पर अब कोई नहीं चलता
छोटी-छोटी सड़कों ने पहाड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन सड़कों के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए जो पहाड़ में समाज को जोड़ा करते थे. इन रास्तों से चलकर ही खुशी-गमी की खबरें एक गांव से दूसरे ग... Read more
देवता भी चले गए लेकिन गुरु ने गांव नहीं छोड़ा
आज रेवती का श्राद्ध है. हीरा गुरु दरवाजे पर बैठकर पूरन और भास्कर दत्त जी का इंतजार करते हुए बहुत देर से सामने डांड़े को ताक रहे थे. घर के आगे सीढ़ीनुमा बंजर खेत बहुत गहराई तक फैले हैं. डांड़... Read more
पहाड़ का संपन्न किसान शरणार्थी बन गया
आपदाएं आती हैं और चली जाती हैं. आपदाओं का विध्वंसक रूप कुछ दिनों अखबार और टीवी पर दिखता है. इसी दौरान सरकारें और शासन-प्रशासन की भी सक्रियता दिखाई देती है. अफसरों के दौरे होते हैं और बाद में... Read more
शहीद होते फौजी को अंतिम क्षणों में बीवी के अल्ट्रासाउंड की चिंता सताती रही
राधिका की जब आंख खुली कमरे में अनेस-मनेस हो रखी थी. अभी कुछ देर पहले ही तो आंख लगी थी लेकिन उसे लग रहा था पता नहीं कितना सो गई. आज दिप्पू दो महीने की छुट्टी काटकर जम्मू-कश्मीर जा रहा था. राध... Read more
प्रवासियों और यूएई सरकार के प्रयास से भारत पहुंचा उत्तराखण्ड के युवक का शव भारत सरकार ने लौटाया
उत्तराखंड के टिहरी जिले के रहने वाले कमलेश भट्ट की संयुक्त अरब अमीरात में 16 अप्रैल को हार्ट अटैक (मृत्यु का कारण अभी भी संदिग्ध है) से मौत हो गई थी. गुरुवार की रात को कमलेश भट्ट के साथ दो अ... Read more
ईजा के मरने का इंतजार…
ईजा कल मरेगी या परसों इसी उधेड़बुन में रात का दूसरा पहर भी बीत गया. करीब दस साल बाद आज वह उस कमरे में सोया था जहां 40 साल पहले पैदा हुआ था. कितना खुश हुई थी कलावती. इसके बाद उसे एक बेटा-बेटी... Read more
वो पहाड़ी लड़का अब वापस लौटना चाहता है
सभी बंधनों को दरकिनार कर दिल्ली में रह रहा वो पहाड़ी लड़का अब अपने गांव वापस लौट जाना चाहता है. उसने कभी नहीं सोचा था कि सपने पूरे होने के बाद इतने उबाऊ हो जाते हैं. Dream of Returning Home... Read more
मैं पहाड़ी हूं बेरीनाग के बिनवा की तरह जिसने कुछ दिन पहले बेरोजगारी के कारण नुवान खाकर जान दे दी. ग्रेजुएशन करने के बाद भी मामूली रोजगार के लिए भटक रहा था. मैं पहाड़ी हूं पुरानाथल के किसान स... Read more
Popular Posts
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य