वे मगहर में नहीं अपने घर में मर रहे हैं
Posted By: Girish Lohanion:
हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ – 3 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें हरीश चन्द्र पाण्डे का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है. समकालीन हिन्दी कव... Read more
एक दिन में नष्ट किया जा सकता है कोई भी पुस्तकालय
Posted By: Kafal Treeon:
हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ – 2 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें हरीश चन्द्र पाण्डे का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है. समकालीन हिन्दी कव... Read more
एक बुरूंश कहीं खिलता है
Posted By: Kafal Treeon:
हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ – 1 एक बुरूंश कहीं खिलता है – हरीश चन्द्र पांडे खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने बुरूंश ने सिखाया है फेफड़ों में भरपूर हवा भरकर कैसे हंसा जाता है क... Read more
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