पीपल पलवृक्ष के नीचे ढोल रख धरमदास ने अंगौछे से पसीना पोछा और गोरी नदी की ओर मुँह कर एक चौड़े पाथर पर बैठ गया. कैलास-मानसरोवर की दुर्गम यात्रा की थकान के स्थान पर एक बहुत बड़ी उपलब्धि का आनन... Read more
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