ओशो को मैं स्कूल के दिनों से ही पढ़ने लगा था. कॉलेज तक आते-आते में उनके अकाट्य तर्कों का मुरीद बन चुका था. मैं उनकी जाने कितनी किताबें पढ़ गया. उनकी बातों में एक सम्मोहन था. उन्होंने भारत के... Read more
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