ज़ेन गुरू ने यूं सिखाया शिष्य को सबक
हिंदी की एक बहुत प्रचलित कहावत है – बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता. इस बात की सत्यता को लेकर संदेह करने की जरा भी गुंजाइश नहीं. लेकिन सवाल यह है कि ऐसी कहावत बनी और प्रचलित क्यों हुई? क्या... Read more
रोने वाली बुढ़िया की कहानी से जानिये जीवन में सकारात्मक नजरिए से क्या फर्क पड़ता है
हमारे जीवन में कैसी स्थितियां हैं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, पर उनके प्रति हमारे नजरिए से बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है. कई बार यह नजरिया हमारी खुशी और कई बार दुख की वजह बनता है. ऐसा भी संभव... Read more
इन चार उपवासों से बनाएं जीवन को और बेहतर
अगर आप अपने लिए शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की कामना करते हैं, तो आपको चार तरह के उपवास रखने होंगे. जी हां, ये चार उपवास आपमें एक खास आध्यात्मिक विश्वास को जन्म देंगे.... Read more
अतीत को छोड़ दो, बंधनों को तोड़ दो
जन्म के वक्त हम सभी शरीर और दिमाग के स्तर पर एक जैसे होते हैं, लेकिन हम जीवनकाल में अपने शरीर और दिमाग का अपनी-अपनी तरह से इस्तेमाल करते हैं और मृत्यु के वक्त इस दुनिया में अपनी अलग पहचान छो... Read more
क्या आप अपने मोबाइल से ज्यादा ताकतवर हैं?
मेरे परिचितों में कई लोग हैं जो विपश्यना के लिए दस-दस दिनों के कैंपों में जाते हैं. इन कैंपों में उनसे मोबाइल ले लिया जाता है. उन्हें किसी निश्चित वक्त में घर वालों को जरूरी संदेश भेजने या ब... Read more
खुश होना या दुखी होना हमारा चुनाव है
हमें खुश होना है या दुखी होना है, यह चुनाव हमेशा हमारे हाथ में रहता है. सामान्यत: हमें लगता है कि दुख या खुशी हमारे पास चलकर आते हैं. वे घटनाओं और सूचनाओं के जरिए हम पर आकर बरसते हैं. निस्सं... Read more
जीवन में पारदर्शिता ले जाएगी तनावों से पार
छात्र जीवन में मेरा एक सहपाठी था, जिसके पिता किसान थे और शहरी मानदंडों के हिसाब से गरीब. वह सहपाठी गांव के स्कूल से बारहवीं करने के बाद कॉलेज में आया था और कॉलेज की आबोहवा से बहुत प्रभावित... Read more
बबूल बोओगे, तो आम कहां से खाओगे
जिन लोगों ने भौतिक विज्ञान पढ़ा है, वे न्यूटन के गति के तीसरे नियम से अवश्य परिचित होंगे. तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम है. इस नियम के मुताबिक जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल का प्रयोग... Read more
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