पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : तू भी मिला आशा के सुर में मन का ये एकतारा हरिनन्दन निवास- यह वह दो मंजिला मकान था जिसमें अब मैं बहिन गंगोत्री के साथ रहने लगा. इसमें दो बड़े कमरों के साथ... Read more
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