ढांटा ब्या उत्तराखण्ड के खशों में प्रचलित तथा सामाजिक मान्यता प्राप्त निरनुष्ठानिक विवाह का एक प्रकार था. इसमें कोई सधवा (परिव्यक्ता या अपरित्यक्ता) अपने पूर्व पति को अथवा विधवा स्त्री मृत प... Read more
अक्सर हमें अपने बड़े-बूढ़ों से सुनने को मिलता है कि एक ज़माने में सैनिकों या किसी अन्य वजह से घर से मीलों दूर रह रहे प्रवासियों के परिवारजन उनकी अनुपस्थिति में ही उनका विवाह कर दुल्हन घर ले आया... Read more
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