पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गवीरिया, डिएगो अरमांडो माराडोना और कोलंबियन फुटबॉल – भाग-1
Posted By: Kafal Treeon:
साउथ अमेरिकी देश कोलंबिया के एक किसान अबेल दे हेसुस दारी एस्कोबार इचेवेर्री और स्कूल टीचर हेमिल्दा डे लोस डोलोरे गवीरिया बेर्रियो के सात बच्चों में तीसरे नंबर का बेटा पाब्लो एस्कोबार (पाब्लो... Read more
धूप और परछाई के फ़ुटबॉल में -शिवप्रसाद जोशी नौ साल पहले की सुखद स्मृतियों और उसके बाद विवादों आरोपों कलहों द्वंद्वों तनावों और चोटों के अजीबोग़रीब सिलसिलों के बाद 2011 की फ़रवरी में ब्राज़ील... Read more
इस फिल्म के बाद माराडोना ने कहा था निर्देशक ने मुझे सिखाया कि किसे कितनी इज़्ज़त दी जानी चाहिये
Posted By: Kafal Treeon:
सुर्ख़ियों में बने रहना दिएगो मारादोना की फ़ितरत का हिस्सा रहा है. चाहे 1986 के फ़ुटबॉल विश्वकप के क्वार्टर फ़ाइनल में इंग्लैण्ड के खिलाफ़ ‘हैण्ड ऑफ़ गॉड’ वाला गोल हो, चाहे पेले को लेक... Read more
Popular Posts
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल
- चेरी ब्लॉसम और वसंत
- वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण
- ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा