गढ़वाल के मुख्य शिव मंदिर
अद्भुत भारत धर्मपूजा में ए. एल बाशम लिखते हैं कि – वैदिक देवता रूद्र से शैव संप्रदाय का विकास हुआ. इनके ईष्ट देव शिवजी जो विनाश के प्रतीक थे तो सरलता की प्रतिमूर्ति भी. तभी वह शम्भु य... Read more
कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है. हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर स्थापित कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से... Read more
चौली की जाली मुक्तेश्वर: जहां शिवरात्रि में होती है संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण
शिवरात्रि के पर्व मे आस्था का अनोखा मंजर सामने आता है मुक्तेश्वर के चौली की जाली नामक पर्यटक स्थल पर, सैकड़ों की तादाद मे इस दिन शादीशुदा महिलाएं, जिन्हें तमाम कारणों के चलते संतान सुख प्राप... Read more
भारत के तीन काशियों में एक है उत्तरकाशी. यहाँ भगवान महादेव का भव्य मंदिर है. Kashi Vishvnath Temple uttarkashi. बनारस और गुप्तकाशी के साथ ही यहाँ भी महादेव काशी विश्वनाथ के रूप में पूजे जाते... Read more
शिव अनेक हैं. उत्तराखंड में शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है. उत्तराखंड में शैव और वैष्णव दोनों संप्रदाय पाये जाते हैं. उत्तराखंड में शिव के छोटे-बड़े हजारों मंदिर हैं. इन मंदिरों में महाशि... Read more
उत्तराखण्ड में स्थित भगवान शिव के पंच केदार
उत्तराखण्ड को देवभूमि भी कहा जाता है. यहाँ के उच्च हिमालयी क्षेत्र देश-विदेश में मशहूर मंदिरों से पटे हुए हैं. धर्मग्रंथों और पुराणों में ढेरों प्रसंगों में उत्तराखण्ड का जिक्र मिलता है. शिव... Read more
उत्तरकाशी में भगवान शिव
बाबा विश्वनाथ है उत्तरकाशी में. आज जहां उत्तरकाशी शहर बसा है पहले वहां भागीरथी नदी उत्तर-वाहिनी थी. झाला गांव के पास ‘दैलि का डांडा’ या पर्वत खण्ड गिरने से नदी अवरुद्ध हो गयी. विशाल बांध बना... Read more
छोटा कैलाश: भीमताल ब्लॉक का विख्यात शिव मंदिर
भीमताल में छोटा कैलाश नैनीताल जिले के भीमताल (Bhimtal) ब्लॉक में एक पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है शिव मंदिर (Shiv Temple) छोटा कैलाश (Chota Kailash.) यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको हल्द्वानी से सड़... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा