भाभर की बिल्ली को पहाड़ ले जाने की एक याद
Posted By: Kafal Treeon:
बात वर्ष 1990-1992 की होगी जब बाबूजी के साथ पहली बार बाजपुर जाने का मौका मिला. मौका था छोटे दाज्यू (ताऊ जी के छोटे बेटे) की शादी में शामिल होने का. पहली बार अल्मोड़ा देखा था अल्मोड़े का बाजा... Read more
पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
Posted By: Sudhir Kumaron:
पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहां भी खुले शमा रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त था जब लोग होली में गांव घरों को जाने का मन बहुत पहले बना लेते थे. नौकरी के लिये प्रवास में रह... Read more
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