आज है लोकपर्व ‘खतड़ुवा’: मान्यता और मिथक
अमरकोश पढ़ी, इतिहास पन्ना पलटीं,खतड़सिंग नि मिल,गैड़ नि मिल.कथ्यार पुछिन, पुछ्यार पुछिन, गणत करै,जागर लगै,बैसि भैट्य़ुं, रमौल सुणों,भारत सुणों,खतड़सिंग नि मिल, गैड़ नि मिल.स्याल्दे-बिखौती गय... Read more
यह लेख भी सन् 1920 में डाँग श्रीनगर निवासी श्री गोविन्दप्रसाद घिल्डियाल, बी.ए. डिप्टी कलेक्टर, उन्नाव द्वारा लिखित और विश्वंभरदत्त चन्दोला द्वारा गढ़वाली प्रेस, देहरादून से प्रकाशित, पुस्तक... Read more
आज है जानवरों के स्वास्थ्य से जुड़ा पर्व खतड़ुवा
खतड़ुवा उत्तराखंड में सदियों से मनाया जाने वाला एक पशुओं से संबंधित त्यौहार है. भादों मास के अंतिम दिन गाय की गोशाला को साफ किया जाता है उसमें हरी नरम घास न केवल बिछायी जाती है. पशुओ को... Read more
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