जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास
1900 के दशक की शुरुआत में ई. आर. स्टीवंस और ई. ए. स्माइथिस के राष्ट्रीय उद्यान, भारत में स्थापित करने के सुझाव का नतीजा रहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एशिया के पहले राष्ट्रीय उद्यान के रूप म... Read more
बाघिन का घातक हमला
कुछ दिनों पहले की बात है, मैं रामनगर की कोसी नदी पर सूर्यास्त को अपने मोबाइल पर क़ैद कर रहा था. पानी में पढ़ती हुई सूर्य की गुलाबी किरणें नदी को एक अलग ही सौन्दर्य प्रदान कर रही थी. (M... Read more
जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
एक थी शर्मीली
कॉर्बेट की एक ऐसी बाघिन जिसने अपनी असाधारण सुंदरता, अदभुत शारीरिक डील-डौल व शिकार करने के अभूतपूर्व क्षमता से देश ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्धि हासिल की. (Memoirs of Corbett Par... Read more
आज मैं आपके साथ ऐसा वाकया साझा कर रहा हूँ जिसके बाद भगवान के प्रति मेरी आस्था को और बल मिला. इस दिन मुझे किस्से-कहानियों में सुनी बातों को अपनी आँखों के सामने चरिथार्थ होते हुए देखने का मौक़... Read more
त्रिशूल के नीचे एक चोटी पर लेता मैं अपनी विपरीत दिशा में खड़ी एक चट्टान का दूरबीन से निरीक्षण कर रहा था.मैं सभी हिमालयी बकरियों से ज्यादा सधे हुए क़दमों वाले ‘थार’ का जायजा ले रहा था. उस खड़... Read more
त्रिशूल का पिशाच : जिम कॉर्बेट
हिमालय के ऊपरी इलाकों में कभी भी न रहे लोगों के लिए यह कल्पना भी कर पाना मुश्किल है कि वहां दूर-दूर बसी छोटी बसासतों में रहने वाले लोग किस तरह अंधविश्वास के घुटन भरे माहौल में रहते हैं. ऊंचे... Read more
लॉक डाउन के दिनों में सुल्ताना डाकू और जिम कॉर्बेट की धरती पर बने अपने फार्म हाउस में
आजकल मैं अपने गाँव फतेहपुर में हूँ. हल्द्वानी से सात किलोमीटर दूर कालाढूंगी रोड में नया उभरता हुआ एक क़स्बा है फतेहपुर. आज से पचास-साठ बरस पहले यह जगह क़स्बा तो क्या, गाँव भी नहीं थी. जिम कॉ... Read more
कहते हैं कि हल्द्वानी के इस गांव में कई लोगों को हल चलाते हुए अशर्फियां मिली
गौला पार में कालीचौड़ का मंदिर भी पुरातत्विक महत्त्व का है किन्तु इस सम्बन्ध में अभी तक खोज नहीं की जा सकी है. कहा जाता है कि बिजेपुर गाँव में राजा विजयचंद की गढ़ी थी. उसके निकट ही कालीदेव क... Read more
भारत के नेता स्पोर्ट्समैन नहीं होते और बाघों का अपना कोई वोट नहीं होता – जिम कॉर्बेट
जेम्स एडवर्ड कॉर्बेट को ‘पक्का’ साहब नहीं कहा जा सकता था क्योंकि उन्होंने मैट्रिक नहीं किया था और उन्हें सेना में वह कमीशन नहीं मिला जो गोरों के लिए आरक्षित था. उन्होंने बंगाल की उत्तर-पश्चि... Read more
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