शेखर उस पहाड़ी से उतरता हुआ चला जा रहा था. उसके क़दम अपनी अभ्यस्त साधारण गति से पड़ रहे थे, वह किसी प्रकार की जल्दी नहीं कर रहा था क्योंकि यद्यपि वह अपने मन में उसे स्वीकार नहीं कर रहा था, त... Read more
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