साइकिल, उस्ताद और शिक्षा
अपने जमाने में चलन ऐसा नहीं था कि तीन साल का हो जाने पर बच्चे को तिपहिया साइकिल दिलायी जाए और छः साल का होने पर दुपहिया साइड सपोर्टर साइकिल. ड्राइविंग का शौक हमने तार और रबर के पहिये चला कर... Read more
भँवर एक प्रेम कहानी, हाल ही में प्रकाशित उपन्यास है. उत्तराखण्ड के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, अनिल रतूड़ीजी, इस कृति के लेखक हैं. साहित्य, संगीत और संस्कृति के प्रति लेखक का अनुराग उनके से... Read more
गुरूजी और जोंक
बीसवीं शताब्दी के पहले साल में अपर गढ़वाल में आधुनिक शिक्षा की अलख जगाने वाले इसी ख्याति प्राप्त विद्यालय में छायावादी कवि चंद्रकुँवर बर्त्वाल भी पढ़े थे. यहाँ के सुदीर्घ बांज-वृक्षों को वो... Read more
आठवीं का बोर्ड, चेलपार्क और हरित क्रांति
जिस बोर्ड परीक्षा का हव्वा बना कर, सामान्यतया बच्चों को हाईस्कूल में डराया जाता है वो हमारे हिस्से आठवीं में ही आ गयी थी. कई सालों बाद फिर से आठवीं की बोर्ड परीक्षा करवाये जाने का निर्णय हुआ... Read more
अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में
उत्तराखण्ड में इन दिनों एक गीत ने धूम मचा रखी है. इस गीत के प्रति दीवानगी न सिर्फ़ हिमाचल तक दिखायी दे रही है बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी कम नहीं है. अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में, बोल व... Read more
कोतवाल का हुक्का: पुलिस-कोतवाली की कहानियाँ
कोतवाल का हुक्का, हाल ही में प्रकाशित कथा संग्रह है, अमित श्रीवास्तव का. उत्तराखण्ड पुलिस महकमे में आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले संस्मरण, कविता और उपन्यास विधा में अपनी सिद्धहस्तता तीन बहुच... Read more
इगास लोकपर्व को राजपत्र में स्थान मिलने के मायने
आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. इक्कीस साल के उत्तराखण्ड में, इसके किसी लोकपर्व को पहली बार राजपत्र में स्थान मिला है. आज उत्तराखण्ड में इगास का राजकीय अवकाश है. इससे पूर्व हरेला को भी राजपत्र... Read more
गढ़वाली हिंगोड़: हॉकी और गोल्फ का पुरखा
इक्कीसवीं सदी में ओलम्पिक हॉकी का पहला पदक भारत ने हाल ही में जीता है. जर्मनी को हराकर, कांस्य पदक. पिछली सदी में भी आखिरी बीस साल ओलम्पिक पदक का सूखा ही रहा. एक दौर वो भी था, जब भारत फील्ड... Read more
समळौण्या होती सैकोट के सेरों की रोपाई
गढ़वाल के उन गिने-चुने गाँवों में से एक है सैकोट जिनकी उपजाऊ ज़मीन पहली नज़र में ही मन को भा जाती है. खेती ऐसी जैसे कुदरत ने गाँव के आगे हरियाला आँगन बना के दिया हो. सिंचित हरी-भरी खेती वाला... Read more
उत्तराखण्ड: यहाँ हर दिन है नवजात
उत्तराखण्ड का गढ़वाल-कुमाऊं दुनिया का शायद एकमात्र ऐसा भूभाग है जहाँ हर रात्रि सद्यःप्रसूता होती है और हर दिन नवजात शिशु. जी हाँ, यहाँ रात ब्याती है और दिन जन्म लेता है इस तरह हुआ न हर दिन न... Read more
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