बोनस में प्राप्त ज़िन्दगी की नई सुबह
2022 का नया सवेरा इतिहास की एक नयी तहरीर लेकर मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. यह नया सवेरा मेरे सामने क्यों हाज़िर हुआ? मुझे यह कोई सन्देश देना चाहता है, यादों का गुलदस्ता भेंट करना चाहता है, या... Read more
उत्तराखंड की पहली प्रकाशक बिटिया
अप्रत्याशित खबर की तरह हिंदी समाज की जुबान पर ‘दून लिटरेचर फेस्टिबल 2016’ छा गया. मुख्य परिकल्पना उत्तराखंड की दो बेटियों – गीता गैरोला और रानू बिष्ट – की थी जिनके कारोबारी हाथों के रूप में... Read more
भीमताल की जर्मन बहू ने दुनिया को नयी ज़िंदगी दी
भीमताल की जून एस्टेट एक मिथक की तरह नैनीताल-वासियों के मन में हमेशा रही है. जब हम लोग नैनीताल के डीएसबी में पढ़ते थे, अमूमन आर्ट्स ब्लॉक के सामने हरे ब्लेज़र में दो फिरंगी से दिखने वाले लड़क... Read more
यह यात्रा अलग तरह की थी; ऐसी यात्रा जिसमें असमय हमसे छिन गए कालजयी कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की अंतिम यात्रा में हमें शामिल होना था. रामगढ़ की महादेवी वर्मा के घर ‘मीरा कुटीर’ से चले हम लोग अग... Read more
पन्त-मटियानी के बेमेल युग्म का मिथक
इस किस्से की प्रामाणिकता का मैं दावा नहीं करता. बाकी लोगों की तरह मैंने भी इसे दूसरों के मुंह से सुना था. बात अविश्वसनीय और अटपटी तब भी लगी थी मगर सभी लोग एक ही बात कह रहे थे, इसलिए यकीन होन... Read more
करीब एक पखवाड़े पहले मेरे गाँव के नौजवानों ने व्हाट्सएप्प पर एक ग्रुप शुरू किया, ‘छानागाँव की रियासत’. इसमें नयी उमर के लड़के भी शामिल थे, इसलिए शीर्षक देखकर ही मैं स्वाभाविक रूप से एक सदी प... Read more
आध मुन्स्यार+आध चिकसैरेदा = पुर संसार
आज समझ में आ रहा है कि आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने इतिहास को विधाता क्यों कहा होगा? हमारा यह विधाता क्या हमारी तरह का देहधारी है या अपरिभाषेय शक्ति-पुंज, जिसे रच लेने के बाद समझ पाना शायद... Read more
अंततः हल्द्वानी का हिमालय
एक: मेरे गाँव से हिमालय हिमालय के बारे में मैंने बड़े नाटकीय अंदाज़ में जाना. हिमालय के बीच ही पैदा हुआ था, इसलिए उसके बारे में अलग से जानने की, खासकर किताबी ढंग से जानने की इच्छा का दबाव कभ... Read more
मेरा पैतृक गाँव ब्रिटिश अल्मोड़ा के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक छोटा-सा गाँव है, ‘छानगों’; मगर शुरू से ही इसे ‘छानागाँव’ नाम से पुकारा जाता है. यह गलती इतनी बार दुहराई जाती रही है कि गलत शब्द... Read more
नैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर है
यह शोध हमारे विश्वविद्यालय में वनस्पति-विज्ञान के प्रोफ़ेसर साहब ने किया था. हिंदी समाज के आम प्राध्यापक की तरह वो एकेडेमिक विषयों पर हिंदी में बोलने में संकोच करते थे, जब मज़बूरी हुई तब भी... Read more
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