सुल्ताना डाकू और कल्लू धोबी का गधा
सुल्ताना डाकू अमावस की रात डाका डालने आने वाला था. उसने चिठ्ठी लिखकर बताया था कि डाके के दौरान औरतों-बच्चों को हाथ नहीं लगाया जाएगा. बड़ों को भी नहीं बशर्ते वे सयाना बनने की कोशिश न करें. डा... Read more
लपूझन्ना जादू है!
किताब उठाते ही लगता है किसी जादूगर ने काले लंबे हैट में हाथ डालकर एक कबूतर निकाल दिया हो. किताब पढ़कर आप ख़त्म नहीं कर पाते. कबूतर के पंख हाथ में फड़फड़ाते हैं. किताब के सफ़हे दिलो-दिमाग पर... Read more
आज से बारह सौ साल पहले बग़दाद में जन्मे कवि इब्न अल-रूमी अपनी एक कविता में सफ़ेद आटे के गाढ़े घोल को चांदी की उपमा देते हैं जिसे गोल-गोल पका कर शहद में डुबोया जाय तो वह सोने में तब्दील हो जा... Read more
1913 में भारत की पहली फिल्म बनाते समय तमाम सामाजिक-आर्थिक दिक्कतों से जूझते दादासाहब फाल्के के सामने सबसे बड़ी समस्या महिला पात्रों के लिए अभिनेत्रियां ढूँढने में आई. पहले वे अपनी पत्नी से त... Read more
मोहब्बत का जो रस्ता है बहुत दुश्वार होता है
शांतिप्रिय तिब्बतियों के मुल्क पर चीन के क्रूर कब्ज़े को चालीस साल बीत चुके थे. एक समय पूर्वी दर्शन के सबसे बड़े केंद्र रहे ल्हासा की सड़कें चीनी सिपाहियों के बूटों तले रौंदी जा रही थीं. तमा... Read more
दुनिया का पहला उपन्यास एक ऐसी औरत ने लिखा था जिसका असली नाम तक हम नहीं जानते
आज से हजार साल पहले का जापान उल्लेखनीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण से गुज़र रहा था. आर्थिक सम्पन्नता के उस दौर में, ख़ास तौर पर स्त्रियों के विकसित सौन्दर्यबोध को उनका नैतिक गुण माना जाता था. सुन्... Read more
यशपाल शर्मा को श्रद्धांजलि
9 जून 1983 को भारत ने वर्ल्ड कप क्रिकेट का पहला मैच वेस्ट इंडीज के साथ खेला. इसके ठीक पहले हमारी टीम वेस्ट इंडीज में पांच टेस्टों की सीरीज में 0-2 से पिट कर आई थी. तीन वन डे भी खेले गए जिनमे... Read more
अल्मोड़ा के ‘फूलों वाले पेड़’ की याद में
उसे फूलों वाला पेड़ कहा जाता था. पेड़ देवदार का था और उस पर लदे रहने वाले फूल बोगनवेलिया के. खिलने के मौसम में उसकी लकदक शब्दों के बयान से परे की चीज हुआ करती. (Almora Mall Road Bougain... Read more
पुणे के श्रीवत्स अनाथालय के रेकॉर्ड्स में उसके माता-पिता के बारे में ठोस जानकारी नहीं है. उनका वास्तविक नाम किसी को नहीं मालूम. पता नहीं कि वे उस नवजात को लेकर आए थे या ऐसे ही बाहर छोड़ गए थ... Read more
देश के सबसे बड़े चैम्पियन एथलीट को श्रद्धान्जलि
विभाजन की त्रासद हिंसा में मिल्खा सिंह के माता-पिता, एक सगी बहन और दो सगे भाई मार डाले गए थे. पाकिस्तान से भाग कर दिल्ली पहुंचे मिल्खा कुछ दिन अपनी बहन के घर रहे. उसके बाद उन्होंने रेलवे प्ल... Read more
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