छुट्टियों में गांव गया था तो पता लगा कि कुछ दिन पूर्व ही पड़ोस में ही रहने वाले महेश दा का लड़का हुआ था. मैं भी बधाई देने पहुंच गया. सब लोग बहुत खुश थे. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था.... Read more
[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर रहे हैं. अपने गाँव, शहर, कस्बे या परिवार की किसी अन्तरंग और आवश्यक स्मृति को विषय बना कर आप चार सौ से... Read more