भाई साहब, भ्रष्टाचार को अपने पतीत-पावन देश के लिए बहुत बड़ी बीमारी मानते थे. वे इसे देश के ऊपर कलंक के तौर पर देखते थे. वे मानते थे कि जिम्मेदार जगहों पर बैठे लोग जनता की मुसीबतों को दूर करने... Read more
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