अल्मोड़ा में स्कूली दिनों की यादें
Posted By: Sudhir Kumaron:
उम्र साढ़े तीन साल, कद करीब 3 या 4 फुट. पता नहीं कैसी दिखती थी मैं. बस यह जरूर याद है कि शिशु मंदिर की कक्षा में ‘शिशु’ कक्षा सर्वप्रथम कक्षा थी. ग्राउंड फ्लोर में होती थी वह क्ल... Read more
अल्मोड़ा में लंबी कविता और पूरन पोली की मौज
Posted By: Kafal Treeon:
रात की पार्टी समाप्त होने के बाद अगले दिन मुहल्ले के हर कायाधारी के चेहरे पर अजीब सी खुशी के साथ एकदम साफ न दिखने वाली झेंप भी थी. रात के नाच गाने में थोडे़ बहुत आपसी विवाद, हाॅलिडे होम की ख... Read more
अल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहली
Posted By: Kafal Treeon:
अल्मोड़ा में सबसे पहला प्रवास श्री गोपाल सिंह बिष्ट एवं श्री प्रशांत बिष्ट के सौजन्य से कुमाऊं मंडल विकास निगम के हाॅलिडे होम में हुआ. यह बहुत संक्षिप्त प्रवास था. अल्मोड़ा में जहां कुमाऊं म... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा