4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 59 (Column by Gayatree Arya 59)पिछली किस्त का लिंक: एक बच्चा अपनी मां को बहुत ख़ास महसूस करवाता है रंग मेरी जान, अब तुम खूब चलने लगे हो चौपाया बनकर. एक जगह टि... Read more
वहां प्रेग्नेंट औरतें बत्तख और प्रसव कर चुकी औरतें घायल सिपाही जैसे चलती थीं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 52 (Column by Gayatree Arya 52)पिछली किस्त का लिंक: जब नई-नवेली मां को मदद की ज्यादा जरूरत होती है, तब वह बिल्कुल अकेली होती है ओ.टी. से निकलने के पांच दिन तक... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 49 (Column by Gayatree arya 49) पिछली किस्त का लिंक: लेबर पेन के दर्द से मुक्ति के लिए मैं मरना भी मंजूर कर लेती हॉस्पिटल में भर्ती होने के कु... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 48 (Column by Gayatree arya 48) पिछली किस्त का लिंक: नींद में भी दूध पीने की कला में बच्चे माहिर होते हैं लाइव फ्रॉम लेबर रूम भाग-1 आज मैं तुम्हें तुम्हारे जन... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 35 (Column by Gayatree arya 35) पिछली किस्त का लिंक: मैं लड़के की पैदाइश से होने वाली दंभ भरी खुशी को कुचलना चाहती हूं मेरे लिए तुम लड़का हो या लड़की मुझे बरा... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 34 पिछली क़िस्त का लिंक: सच्चा और अच्छा जीवनसाथी मिलना एक लाटरी निकलने जैसा है मेरी बेटी!मैंने तुम्हें बताया नहीं, डॉक्टर ने मेरी डिलीवरी, यानी तुम... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बत्तीसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चे से बढ़कर और उससे पहले भला किसी मां के लिए क्या हो सकता है? मेरा नौवां महीना शुरू हो चुका है, डॉक्टर ने... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – इकत्तीसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चियां अपनी जिंदगी की पहली यौन हिंसा का अनुभव अपने घरों में ही करती हैं (Column By Gayatree Arya-31) रंग,... Read more
बच्चियां अपनी जिंदगी की पहली यौन हिंसा का अनुभव अपने घरों में ही करती हैं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – तीसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: हमें कई चीजों से बेवजह नफरत सिखा दी जाती है (Column by Gayatree Arya) तुम्हें पता है रंग! अपने देश में लड़कियां मां बनने क... Read more
हमें कई चीजों से बेवजह नफरत सिखा दी जाती है
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – उनतीसवीं क़िस्तपिछली क़िस्त का लिंक: छोटी-छोटी चीजों के स्वाद से बना जीने का ज़ायकाकल हमने तुम्हारे लिए, तुम्हारी जिंदगी की सबसे पहली खरीदारी की. मैंने तुम्हा... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा