मैं उन दिनों प्राइमरी पाठशाला कठपुड़िया में पड़ता था. स्कूल गया तो सीधे कक्षा दो में बैठ गया क्योंकि घनदा कक्षा दो में पड़ता था, हमउम्र था और कक्षा की समझ भी नहीं थी. इसलिये साथ बैठने की... Read more
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